धनतेरस के दिन भूलकर भी ना करे ये काम, यमराज को भी कर सकते है इस दिन खुश…
धनतेरस जिसे ‘धन त्रयोदशी’ के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस का नाम ‘धन’ और ‘तेरस’ से बना है, जिसमें धन का मतलब संपत्ति और समृद्धि है और तेरस का अर्थ हिंदू कैलेंडर की 13वीं तिथि। हमारे शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।मान्यता है की भगवान धन्वंतरि विष्णु के अंशावतार है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने संसार में चिकित्सा विज्ञान के फैलाव के लिए धन्वंतरि का अवतार लिया था। भगवन धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक है और चिकित्सा के देवता हैं, इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। धनतेरस हर साल दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
*अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस के दिन रखे ‘यम’ के नाम का व्रत
धनतेरस के सन्दर्भ में एक लोक कथा प्रचलित है कि, एक बार यमराज ने यमदूतों से पूछा कि प्राणियों को मृत्यु की गोद में सुलाते समय तुम्हारे मन में कभी दया का भाव नहीं आता क्या। दूतों ने यमदेवता के भय से पहले तो कहा कि वह अपना कर्तव्य निभाते है और उनकी आज्ञा का पालन करते हें परन्तु जब यमदेवता ने दूतों के मन का भय दूर कर दिया तो उन्होंने कहा कि एक बार राजा हेमा के पुत्र का प्राण लेते समय उसकी नवविवाहिता पत्नी का विलाप सुनकर हमारा हृदय भी पसीज गया पर विधि के विधान के अनुसार हम चाह कर भी कुछ न कर सके।
एक दूत ने बातों ही बातों में तब यमराज से प्रश्न किया कि अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है क्या। इस प्रश्न का उत्तर देते हुए यम देवता ने कहा कि जो प्राणी धनतेरस की शाम यम के नाम पर दक्षिण दिशा में दीया जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस मान्यता के अनुसार धनतेरस की संध्या लोग आँगन में यम देवता के नाम पर दीप जलाकर रखते हैं। इस दिन लोग यम देवता के नाम पर व्रत भी रखते हैं।
*धनतेरस के दिन क्या करे
धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और साथ ही धन के राजा कुबेर की पूजा की जाती है।
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सोना चांदी खरीदने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और घर में समृद्धि बानी रहती है।
धनतेरस पर बर्तन, वाहन, ज़मीन-जायदाद लग्ज़री चीजें और घर के काम आने वाली कोई भी चीज़ खरीदना शुभ माना जाता है।
धनतेरस के दिन घर के बाहर 13 दीपक जलाने की भी मान्यता है। कहा जाता है की इससे बीमारिया दूर होती है।
धनतेरस के दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में 13 गुना वृद्धि होती है।
धनतेरस पर साबुत धनिया घर लाने की परंपरा है।
*धनतेरस पर इन कामों को करने से बचे
धनतेरस पर चाकू, कैंची, सुई जैसे धारदार और नुकीली चीजों को नहीं खरीदना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है।
धनतेरस पर कांच, चीनी मिट्टी, प्लास्टिक, लोहा, स्टील, एल्युमिनियम से बनी वस्तुएं नहीं खरीदना चाहिए।
धनतेरस पर काला कंबल और काले वस्त्र नहीं खरीदना चाहिए।
इस दिन किसी को पैसा उधार नहीं देना चाहिए और ना ही किसी से पैसे उधर लेने चाहिए।
धनतेरस के दिन घर में कूड़ा-कबाड़ या खराब सामान ना रखे।
किसी पर क्रोध ना करे और अभद्र भाषा का प्रयोग ना करे।