शेख हसीना का तख्ता पलट के बाद बांग्लादेश में बढ़ गया हिन्दुओं पर अत्याचार…जानें यूएन की खामोशी पर क्यों उठ रहे सवाल
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ते जा रहे है। बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद हिंदू समाज कट्टरपंथियों के निशाने पर है। मंदिर तोड़े गए…घर जलाए गए। बहु बेटियां असुरक्षित हैं। पूरी विश्व बिरादरी बस मुहं ताक रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बने हिंदू संगठन क्यों कुछ करते नहीं दिखे। यूएन क्यों मूक दर्शक बन रहा। यह सब अब सवालों में है।
बंग्लादेश…घटते हिन्दू…बढ़ता अत्याचार
हिन्दुओं की संख्या कम क्यों ?
क्या कर रहा है यूएन ?
हिन्दुओं पर अत्याचार पर विश्व विरादरी चुप क्यों?
बंग्लादेश में मुस्लिम समुदाय-91.08%
बंग्लादेश में हिंदू समुदाय -7.96%
बंग्लादेश में बौद्ध समुदाय 0.61%
हाल ही में पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन से फोन पर बांग्लादेश के हालात पर चर्चा की। बातचीत में बांग्लामदेश में हालात बहाल करने और हिंदुओं की सुरक्षा करने पर जोर दिया। पीएम ने 15 अगस्त को लालकिलें की प्राचीर से बांग्लादेशी हिंदुओं के बारे चिंता व्यक्त की। लेकिन भारत में विपक्ष इस मामले पर मौन साधे रहा। आखिर क्यों? जो राहुल गांधी अमेरिका जाकर भारत की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं। जिस राहुल गांधी को भारत में अल्पसंख्यक डरा हुआ लगता है। उनको बांग्लादेश के हिंदुओं की पीड़ा क्यों नही दिखती।
बांग्लादेश से हिंदू आबादी का पलायन जारी है। बांग्लादेश में मुस्लिम आबादी लगातार बढ़ रही है। हिंदुओं की आबादी लगातार घट रही है। कारण है पलायन बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार के कारण हिन्दू आबादी घट रही है। एक अनुमान के अनुसार अगर हिंदुओं की आबादी में गिरावट जारी रही तो अगले तीन दशकों में बांग्लादेश में हिंदू लगभग खत्म हो जाएंगे।
एक नजर डाल लेते हैं कि बांग्लादेश में हिंदू मुस्लिम समेत अन्य समुदाय की आबादी पर।
कुल आबादी – 1,69,828,921
मुस्लिम समुदाय की संख्या-150,360,405, 91.08%
हिंदू समुदाय की संख्या-14,230,110, 7.96%
बौद्ध समुदाय की संख्या-1,007,468, 0.61%
ईसाई समुदाय की संख्या-4,95,475, 0.30%
अन्य- 1,98,190 0.12%
2022 की जनगणना के मुताबिक बांग्लादेश में अभी 1 करोड़ से अधिक हिंदू आबादी है। वहीं बांग्लादेश में जन्में करीब 16 लाख हिंदू इस वक्त भारत में रह रहे हैं। 1964 से 2013 के बीच करीब 1.1 करोड़ हिंदुओं ने धार्मिक विवादों, धर्मांतरण, हिंसा और दंगों की वजह से बांग्लादेश छोड़ा। एक अनुमान के अनुसार हर 10 साल में 15 लाख हिंदू बांग्लादेश से लापता हो रहे हैं। इनमें से कुछ तो पलायन कर जाते हैं, कुछ हिंसा या अन्य वजह की भेंट चढ़ गए। हालांकि, बीते दशक में हिंदुओं की आबादी में 0.59 फीसदी के हिसाब से गिरावट आई। आज भी बांग्लादेश में कट्टरपंथी धार्मिक समूह हिंदुओं को पसंद नहीं करता है। यहां तक बांग्लादेश की नेशनलिस्ट पार्टी भी भारत और भारतीयों के विरोध में रहती है।
ऐसे कम हो रहे हिंदू
साल मुस्लिम हिन्दू
1951 76.9% 22%
1961 80.4% 18.5%
1974 85.4% 13.5%
1981 86.7% 12.1%
1991 88.3% 10.5%
2001 89.7% 9.2%
2011 90.3% 8.5%
2022 91.4% 7.95%
बांग्लादेश की 2022 की जनगणना के मुताबिक बांग्लादेश में अभी 1.3 करोड़ हिंदू आबादी है। वहीं, बांग्लादेश में जन्मे करीब 16 लाख हिंदू इस वक्त भारत में रह रहे हैं। 1964 से 2013 के बीच करीब 1.1 करोड़ हिंदुओं ने धार्मिक विवादों, धर्मांतरण, हिंसा और दंगों की वजह से बांग्लादेश छोड़ा। एक अनुमान के अनुसार, हर 10 साल में 15 लाख हिंदू बांग्लादेश से लापता हो रहे हैं। इनमें से कुछ तो पलायन कर जाते हैं, कुछ हिंसा या अन्य वजहों की भेंट चढ़ गए। हालांकि, बीते दशक में हिंदुओं की आबादी में 0.59 फीसदी के हिसाब से गिरावट आई। आज भी बांग्लादेश में कट्टरपंथी धार्मिक समूह हिंदुओं को पसंद नहीं करता है। यहां तक बांग्लादेश की नेशनलिस्ट पार्टी भी भारत और भारतीयों के विरोध में रहती है।
ICJ कोर्ट में उठा था हिंदुओं पर अत्याचार का मामला
डेनवर लॉ रिव्यू की रिपोर्ट पर नजर डाले तो बांग्लादेश संकट में संयुक्त राष्ट्र की निष्क्रियता में कहा है कि युद्ध के बाद इंटरनेशनल कमीशन ऑफ ज्यूरिस्ट्स आईसीजे की रिपोर्ट में सामने आया है कि पाकिस्तानी सेना ने नागरिकों का नरसंहार किया। हिंदू आबादी को खत्म करने या उन्हें भगाने का प्रयास किया। आईसीजे ने सांकेतिक तौर से यह माना कि पहली नजर में इनटरनेशनल कानूनों का उल्लंघन कर अपराध किया गए थे। जिनेवा कन्वेंशन 1949 के अनुच्छेद तीन का उल्लंघन था और नरसंहार कन्वेंशन 1949 के तहत नरसंहार का कृत्य था। यानी यह एक तरह का युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध था। पूर्वी पाकिस्तान में पाक फौजों के आतंक का निशाना बने हिंदू’ में कहा गया कि 1971 की जंग के बाद न्यायिक जांच में कई पाकिस्तानी सैन्य अफसरों ने भी हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की बात स्वीकार की थी।
हाल ही में पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन से फोन पर बांग्लादेश के हालात पर चर्चा की थी। बातचीत में बांग्लादेश में हालात बहाल करने और हिंदुओं की सुरक्षा करने पर जोर दिया था। पीएम ने 15 अगस्त को लालकिलें की प्राचीर से बांग्लादेशी हिंदुओं के बारे चिंता व्यक्त की। लेकिन भारत में विपक्ष इस मामले पर मौन साधे रहा। आखिर क्यों? जो राहुल गांधी अमेरिका जाकर भारत की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं। जिस राहुल गांधी को भारत में अल्पसंख्यक डरा हुआ लगता है। उनको बांग्लादेश के हिंदुओं की पीड़ा क्यों नही दिखती। बांग्लादेश से हिंदू आबादी का पलायन जारी है। बांग्लादेश में मुस्लिम आबादी लगातार बढ़ रही है। हिंदुओं की आबादी लगातार घट रही हैं कारण है पलायन। बांग्लादेश में हिंदुओ के साथ हो रहे अत्याचार के कारण हिन्दू आबादी घट रही है।