यूपी में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसका परिवार मिट्टी में मिल चुका है। इसकी शुरुआत अतीक के बेटे असद के एंकाउंटर से हुई। इसके बाद अतीक और अशरफ की नाटकीय तरीके से हत्या कर दी जाती है। आधुनिक विदेशी हथियार से लैस तीन युवक आते हैं, मीडिया पुलिस के सामने ताबड़तोड़ गोली चलाते हुए अतीक के साथ अशरफ का अंत कर देते हैं। हत्या के समय अतीक और उसका भाई अशरफ दोनों हथकड़ी से बंधे थे, मीडिया के सामने बाइट चल रही थी, लेकिन जैसे ही अशरफ बमबाज गुड्डू मुस्लिम का नाम लेता है दोनों की हत्या कर दी जाती है।
- अशरफ के अंतिम शब्द थे बमबाज गुड्डू मुस्लिम
- जान बचाने की खातिर बदल सकता है गैंग
- खबर है असद एंकाउंटर में बमबाज का हाथ
- गुड्डू बमबाज पर असद की मुखबिरी का संदेह
आखिर गुड्डू मुस्लिम को लेकर क्या कहने वाला था अशरफ, राज उसकी मौत के साथ ही उसके सीने में दफन हो गया। क्या अपनी जान बचाने के लिए गुड्डू बमबाज ने ही अतीक अहमद से दगा किया है, क्या असद की मुखबिरी गुड्डू बमबाज ने ही की थी। जिसके बाद असद मारा गया। शाइस्ता भी भागी भागी फिर रही है। क्या शाइस्ता भी गुड्डू मुस्लिम की टिप पर पुलिस हाथ आएगी।
श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ कर चुका है काम
दरअसल बमबाज गुड्डू मुस्लिम कभी हिस्ट्रीशीटर श्रीप्रकाश शुक्ल के साथ भी काम कर चुका है। इतना ही नहीं मुख्तार अंसारी समेत यूपी के कई दूसरे बाहुबली भी उसकी सेवाएं लेते रहे हैं, क्योंकि वह बम बनाने में माहिर है। कहते हैं जुर्म की दुनिया में वफादारी और दगाबाजी के बीच बहुत बारिक सी लकीर होती है, जान पर बन आए तो लकीर को टूटने में देर नहीं लगती। ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या गुड्डू मुस्लिम ने ही गद्दारी कर अतीक के अंत की शुरुआत की,ताकि वो जुर्म की नई दुनिया बना सके।
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल था बमबाज गुड्डू मुस्लिम
सवाल ये भी है कि क्या शाइस्ता अब भी गुड्डू के ही साथ है? सवाल कई हैं, लेकिन जवाब के हर रास्ते बंद हैं क्योंकि कभी अतीक के इशारे पर पल भर में हाजिर होने वाला बमबाज अब धोखेबाज बन गया है। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं जान बचाने के लिए गुड्डू अब अतीक विरोधी गैंग के संपर्क में है, क्योंकि गुड्डू मुस्लिम पहले झांसी जाता है। फिर असद पहुंचता है। लेकिन एनकाउंटर में सिर्फ असद और गुलाम को ही मारा जाता है। उमेश पाल हत्याकांड में बड़े शूटर और अपराधी मारे गए। गुड्डू अब तक बचा हुआ है। बता दें उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में बमबाज गुड्डू मुस्लिम भी शामिल था जो बम फैंक रहा था। पिछले तीस साल से गुडड् मुस्लिम अतीक गैंग के लिए काम कर रहा था। उमेश पाल की हत्या के बाद से ही गुड्डू मुस्लिम लगातार फरार चल रहा है, जिसे जिंदा पकड़ने के लिए एसटीएफ और पुलिस लगतार प्रयास कर रही है।
हर दिन ठिकाना बदल रही शाइस्ता
अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन फरारी में है। वह लगातार ठिकाने बदल रही है। अब तक शाइस्ता इतने ठिकाने बदल चुकी है कि उसकी गिनती भी नहीं। 19 फरवरी को शाइस्ता सीसीटीवी में दिखाई दी थी लेकिन इसके बाद से किसी टीवी, सीसीटीवी और किसी इलाके में शाइस्ता का चेहरा ट्रेस नहीं हुआ। दरअसल बुरके को ही शाइस्ता ने अपने छिपने को हथियार बना लिया है। चर्चा है शाइस्ता के साथ अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी ही नहीं दूसरी कई महिलाएं हैं। जो लगातार बुरका पहने उसे घेरा बनाकर रहती हैं। जिनके साथ शाइस्ता न सिर्फ हर दिन अपना ठिकाना बदल रही हैं। बल्कि हर दिन मोबाइल फोन ही नहीं सिम भी बदल रही है। ऐसे सवाल है कि क्या शाइस्ता परवीन इतनी चालाक है कि पिछले 60 दिन में पुलिस की आंख में धूल झोंककर गायब हो रही है। चर्चा है कि उमेश पाल हत्याकांड में शामिल रहा शूटर साबिर इस समय शाइस्ता के साथ है और उसकी हिफाजत कर रहा है। इतना ही नहीं शूटर साबिर के साथ अतीक की बहन आयशा नूरी भी पिछले कई दिनों से शाइस्ता परवीन के साथ साए की तरह है।
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