रविवार 3 दिसंबर को छुट्टी के दिन हुई चार राज्यों की मतगणना के परिणाम काफी उलटफेर भरे रहे। सभी नतीजे घोषित होने के बाद देर रात को स्थिति साफ हो सकी। जिसमें से तीन राज्यों में भाजपा ने बंपर जीत दर्ज की है। वहीं तेलंगाना से कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति को बाहर कर दिया है तो छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाते हुए मध्यप्रदेश में अपनी सत्ता बरकरार रखने में कामयाबी हासिल की है। इन नतीजों की खास बात है कि इन सभी राज्यों में कई बडे़ उलटफेर भी देखने को मिले हैं। मतगणना के आंकड़े बता रहे हैं कि कम से कम 43 मंत्री चुनाव हार गए हैं।
- मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार के 12 मंत्री हारे
- दतिया से हारे गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा
- अटेर से मंत्री अरविंद भदोरिया
- हरदा से कमल पटेल और बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन हारे
- राहुल सिंह लोधी भी खरगापुर से सीट नहीं बचा सके
- बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल, बमोरी से महेंद्र सिंह सिसौदिया हारे
- बदनावर सीट से हारे मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव
- मंत्री राम किशोर कावरे को करना पड़ा हार का सामना
- ग्वालियर ग्रामीण से मंत्री भरत सिंह कुशवाह हारे
- अमरपाटन से रामखेलावन पटेल को नहीं मिली जीत
- पोहरी से सुरेश धाकड़ भी चुनाव में हारे
हिन्दी भाषी राज्यों की बात करें तो मध्य प्रदेश में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ बड़ी जीत दर्ज करते हुए अपनी चमक बिखेरी लेकिन उसकी सरकार के गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा सहित शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट के 12 मंत्री को हार का स्वाद चखना पड़ा। हार का सामना करने वाले मंत्रियों में अटेर से मंत्री अरविंद भदोरिया, हरदा से कमल पटेल और बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन शामिल हैं। वहीं पूर्व सीएम उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी भी खरगापुर से अपनी सीट नहीं बचा सके।
नरोत्तम मिश्रा को दतिया सीट से कांग्रेस के राजेंद्र भारती ने 7 हजार 742 वोट के अंतर से हरा दिया। हारने वाल दूसरे मंत्रियों में बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल, बमोरी से महेंद्र सिंह सिसौदिया तो बदनावर से मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, मंत्री राम किशोर कावरे को हार का सामना करना पड़ा है। ग्वालियर ग्रामीण से मंत्री भरत सिंह कुशवाह और अमरपाटन से रामखेलावन पटेल के साथ पोहरी से सुरेश धाकड़ भी विजयी प्रत्याशियों की सूची में स्थान हासिल करने में नाकाम रहे।
गहलोत के 25 में से 17 मंत्री ढेर
राजस्थान की बात करें तो वहां सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में 25 मंत्रियों में से 17 मंत्रियों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। इस सूची में पार्टी की अभियान समिति का नेतृत्व करने वाले गोविंद राम मेघवाल भी शामिल हैं। खाजूवाला सीट से मैदान में उमरे गोविंद मेघवाल को भाजपा के विश्वनाथ मेघवाल ने 17 हजार 374 वोटों से हराया। चुनाव हारने वाले अन्य कांग्रेस मंत्रियों में सपोटरा से रमेश चंद मीणा, पोकरण से शाले मोहम्मद, कोलायत से भंवर सिंह भाटी, बानसूर से शकुंतला रावत, डीग कुम्हेर से विश्वेंद्र सिंह और निंबाहेड़ा सीट से उदयलाल अंजना शामिल हैं। वहीं प्रताप सिंह खाचरियावास को सिविल लाइंस सीट से 28 हजार329 वोटों के बड़े अंतर से और बीडी कल्ला को बीकानेर पश्चिम सीट से 20 हजार 194 वोट के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। जाहिदा खान को कामां सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 13 हजार 906 वोट से हार गईं। वे तीसरे स्थान पर रहीं। उधर मंत्री भजन लाल जाटव को वैर सीट से, ममता भूपेश को सिकराय सीट से, परसादी लाल मीणा को लालसोट सीट से और सुखराम विश्नोई को सांचोर, रामलाल जाट को मांडल, प्रमोद जैन भाया को अंता सीट और राजेंद्र यादव को कोटपूतली सीट से चुनाव हार का सामना करना पड़ा। गहलोत के पांच सलाहकार बाबू लाल नागर दूदू, संयम लोढ़ा सिरोही, दानिश अबरार सवाईमाधोपुर, राजकुमार शर्मा नवलगढ़ और पूर्व सीएस निरंजन आर्य सोजत सीट से चुनाव में हार मिली है।
डिप्टी सीएम के साथ भूपेश बघेल के 9 मंत्री हारे
छत्तीसगढ़ की बात करें तो डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव सहित सीएम भूपेश बघेल की सरकार के 13 में से 9 मंत्रियों को हार का स्वाद चखना पड़ा। इसमें राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी शामिल हैं। वहीं साजा से कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और कवर्धा मोहम्मद अकबर के साथ नवगढ़ से गुरु रुद्र कुमार तो सीतापुर से अमरजीत भगत को हार मिली है। पूर्व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम कोंडगांव से और कोरबा सीट से जय सिंह अग्रवाल को हार का सामना करना पड़ा है।