महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के बाद अब राज्य विधानसभा के चुनाव होना हैं। इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव चुनाव के चलते बारिश के मौसम में भी राज्स का सियासी पारा हाई है। यहां चुनावी माहौल गर्म है। ऐसे में बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना के दोनों गुटों की ओर से चुनावी तैयारी तेज कर दी गई है।
- बीजेपी में महाराष्ट्र के पुणे में ‘एकला चलो’ पर मंथन!
- पुणे में चिंतन… अंतिम फैसला दिल्ली में
- पुणे के दौरे पर केन्द्रीय गृहमंत्री शाह
- महाराष्ट्र में दबाव की रणनीति और राजनीति
- बीजेपी ने किया 152 सीट पर चुनाव जीतने का टारगेट सेट
- शिवसेना-शिंदे गुट चाहता है मिले 100 से 125 विधानसभा सीट
- अजीत पवार की राकां कीभी 80 से 90 सीट पर नजर
- ऐसे में बीजेपी में तेज हुआ एकला चलो पर मंथन
- साल के अंत में होंगे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव
- लोकसभा चुनाव के बाद राज्य विधानसभा चुनाव की सरगर्मी
- बारिश के मौसम में भी राज्य का सियासी पारा हाई
- महाराष्ट्र में विधानसभा में हैं कुल 288 सीट
महाराष्ट्र में साल के अंत में विधानसभा चुनाव कराये जाएंगे। इसके लिए बीजेपी की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाल लिया है। शाह रविवार 21 जुलाई को बीजेपी के अधिवेशन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पुणे पहुंचे। बता दे लोकसभा चुनाव परिणामों की समीक्षा के बाद यह दावा किया जा रहा है कि एनडीए के सहयोगी दलों खासकर अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चलते बीजेपी को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा है। इसके बावजूद महायुति में शामिल सहयोगी दल आने वाले विधानसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव में लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में एकला चलो पर मंथन शुरू हो गया है।
सीट बंटबारे को लेकर बढ़ रहा तनाव
लोकसभा चुनाव के परिणामों की समीक्षा के बाद से ही एनडीए के घटक दलों की नजर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर ठहर गई है। दबाव की रणनीति और राजनीति के तहत शिवसेना- शिंदे गुट की ओर से करीब 100 से 125 विधानसभा सीटों की मांग की जा रही है। वहीं अजीत पवार की राकां ने भी 80 से 90 सीटों की मांग की है। ऐसे में बीजेपी में एकला चलो पर मंथन तेज हो गया है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में पुणे में चिंतन बैठक आयोजित की जा रही है। जिसमें समीक्षा की जाएगी, हालांकि अंतिम निर्णय पर मुहर दिल्ली से लगने की बात कही जा रही है।
बीजेपी ने महाराष्ट्र में सक्रिय किये केन्द्रीय पदाधिकारी
लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार और राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश प्रभारी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ सह प्रभारी और केंद्रीय अश्विनी वैष्णव पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र लगातार पार्टी नेताओं से बैठकों में व्यस्त हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के इन नेताओं के बैठकों के दौरान अधिकांश पदाधिकारियों ने राज्य की अधिक से अधिक विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने और अजीत गुट से छुटकारा पाने जैसे सुझाव तक प्रभारी पदाधिकारियों को दिए हैं। बैठकों के दौरान जो निष्कर्ष सामने आया है उसके आधार पर यादव और वैष्णव ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है। जिस पर अब पुणे में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह चर्चा करेंगे। पार्टी सूत्रों की माने तो उनका दावा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनव में बीजेपी अपने सहयोगी दलों की ओर से ज्यादा सीट मांगने से अब एकला चलो यानी अपने दम पर विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरने की रणनीति पर भी चिंतन मनन कर रही है।
प्रदेश में कमल खिलाने की योजना
महाराष्ट्र बीजेपी नेता और शिंदे सरकार में मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने अपने सोशल अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की है। जिसमें लिखा है कि गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में 21 जुलाई को पुणे में भाजपा महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा का अधिवेशन होना है। इस अधिवेशन में विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में संगठन सशक्तिकरण के साथ राज्य में फिर से कमल खिलाने की योजना पर भी विस्तृत मार्गदर्शन और मंथन किया जाएगा। पुणे में हो रही इस बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की अपनी बदली हुई रणनीति पर चर्चा करेगी। इस बैठक में अमित शाह विधानसभा चुनाव के लिए पांच हजार से अधिक पदाधिकारियों को चुनाव में जीत का मंत्र देंगे।