गढ़ में आदिवासियों के साथ इस तरह थिरके महाराज, ये है चुनावी नृत्य!

Jyotiraditya Scindia

एमपी में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं। वैसे-वैसे प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय नेताओं के दौरे भी मध्यप्रदेश में होने लगे हैं वहीं कांग्रेस की ओर से भी राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की नजर एमपी पर है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ग्वालियर में सभा करने वाली हैं। ग्वालियर चंबल अंचल को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ भी कहा जाता है। ऐसे में सिंधिया ने गढ़ में सक्रियता बढ़ा दी है। ग्वालियर चंबल में हर छोटे बड़े कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। गुना में आयोजित एक ऐसे ही कार्यक्रम में वे अलग अंदाज दिखाई दिए।

चुनाव से पहले सिंधिया ने संभाला गढ़

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया गृह क्षेत्र ग्वालियर-चम्बल के प्रवास पर हैं। जहां हर दिन सिंधिया का नया रूप देखने को मिल रहा है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्रीय मंत्री लगातार अपने व्यस्त मंत्रालय के काम काज से समय निकाल कर अपने क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। दरअसल शुक्रवार को सिंधिया आदिवासी कार्यक्रम में लोकनृत्य कलाकारों के साथ जमकर थिरके। अब जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया हर दिन विभिन्न समाज के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के साथ ही उनकी समस्याएं भी सुन रहे हैं। उनकी मांग भी सुन रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गुना के बामौरी विधानसभा में आदिवासी समाज के कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान का एक अलग और नया रूप देखने को मिला। कार्यक्रम के दौरान आदिवासी कलाकार अपने जनजाति समाज के लोगों के साथ एक लोकनृत्य प्रदर्शित कर रहे थे। उनका मनमोहक नृत्य आदिवासी संगीत सुनकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद को नहीं रोक सके। वे भी मंच से उतर कर आदिवासी कलाकारों के साथ नृत्य करने लगे।

बमौरी में सिंधिया का दिखा अलग अंदाज

अपने बीच केन्द्रीय मंत्री सिंधिया को इस तरह नृत्य करते देख कार्यक्रम में शामिल आदिवासी समाज के हजारों लोगों के चेहरे पर खुशी दिखाई दी। इसके बाद केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने आदिवासी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा आदिवासी समाज के लोगों ने उनके गांव के जंगल, जमीन, पर्यावरण और जंगल के जानवरों की चिंता अगर किसी ने की है। सिंधिया ने कहा टंट्या भील, भगवान बिरसा मुंडा, काली बाई, राणा भील, रानी दुर्गावती और सैकड़ों आदिवासी समाज ने इस भारत की संस्कृति को बचाया है।

विकास कार्यों का किया इस तरह बखान

सिंधिया ने अपनी ओर से किये गये विकास कार्यों का उल्लेख कुछ इस तरह से किया और कहा क्षेत्र की जनता ने सिंधिया परिवार को जिम्मेदारी दी है। जिसका निर्वहन करते हुए सड़कों का जाल बिछ गया। गांवों में तालाब बन गए। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने क्षेत्र आदिवासी समाज के लिए कई योजनाएं बनाईं। बीजेपी सरकार आदिवासियों के उत्थान के लिए भरसक काम कर रही है।

प्रोटोकॉल तोड़कर खाया डोसा

वहीं सिंधिया ने एक दिन पहले ग्वालियर फूल बाघ चौपाटी इलाके में रेस्टोरेंट के किचन में पहुंचकर वहां बुजुर्ग महिला से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया था। इसके अलावा सिंधिया ने किचन में डोसा बना रहे युवक से भी चर्चा की। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का ये अंदाज देखकर सभी हैरान थे। अचानक ज्योतिरादित्य सिंधिया के काफिला रुकने के चलते सैकड़ों लोग रेस्टोरेंट्स में पहुंचे।

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