राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सम कुछ ठिकठाक नहीं चल रहा हे। गहलोत और पायलट के बीच अक्सर तनातनी की खबरें सार्वजनिक होती रही है। इस बीच ए बार फिर सीएम अशोक गहलोत ने बिना नाम लिए पायलट पर फिर तंज किया है। गहलोत ने कहा उनके नेता ही कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं। कार्यकर्ताओं का मान.सम्मान होना चाहिए। आजकल यह जुमला बन गया है। सीएम गहलोत ने पिछले शहीद स्मारक पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते समय यह बात कही। बता दें राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अक्सर पार्टी कार्यकर्ताओं के मान सम्मान संबंधी बयान देते रहे हैं। इन पुराने हो चुके बयानों में नई जान डालते हुए गहलोत ने कहा श्अरे कार्यकर्ताओं का मान.सम्मान आपने कभी किया है क्याघ् जानते भी हो क्याए क्या होता है। कार्यकर्ताओं का मान सम्मान कैसे होता गहलोत यही नहीं रुके उन्होंने कहा वे तो मान सम्मान पाते.पाते ही कार्यकर्ता से नेता बने हैं। गहलोत ने कहा एक जमाने में इंदिरा गांधी जैसी बड़ी नेता खुद हार गईं थीं। तब भी कार्यकर्ताओं ने जोश और हिम्मत नहीं हारी । आप निश्चिंत रहें। मोदी कहते हैं। अच्छे दिन आए न आएंए लेकिन कांग्रेस के अच्छे दिन जरूर आएंगे।
कार्यकर्ताओं की अपेक्षा होती है वह पद पर आ जाए
सीएम अशोक गहलोत ने कहा वे जानते है कि कार्यकर्ताओं की अपेक्षा होती है। कार्यकर्ता चाहता है वह पद पर आ जाए। बोर्ड में चेयरमैन, उपाध्यक्ष और मेंबर बन जाए। लेकिन कांग्रेस में कई बातें ऐसी रही कि वे काम कर नहीं पाए। राहुल गांधी ने सिस्टम बनाया कि बोर्डए कॉर्पोरेशन में राजनीतिक नियुक्तियां राज्यों से नहीं कांग्रेस के महासचिव के स्तर पर होगा। वहीं उन्होंने कहा बोर्ड निगम में कौन कौन आएंगे इसका फैसला पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ही तय करेंगे। कई राज्य हैं जहां कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं मिला। वहां मुख्यंमत्री या प्रदेशाध्यक्ष ने अपने स्तर पर ही फैसला कर लिया। इसलिए यह सिस्टम बनाना पड़ा। वह प्रयोग था, उस प्रयोग से ऐसी हालत बन जाती है कि टाइम लग जाता है। जिसके चलते छह महीने पहले ही बोर्ड निगमों में नियुक्तियां हो पाईं। अभी भी 15-20 बोर्ड निगमों में नियुक्तियां होना शेष है। पता नहीं उनमें नियुक्तियां हो पाएंगी या नहीं।
चार महीने पहले भी मुखर हुए थे गहलोत
बता दें पिछली बार अप्रैल में कांग्रेस के सदस्यता अभियान को लेकर बैठक के दौरान भी सीएम अशोक गहलोत ने कार्यकर्ताओं के मान सम्मान को लेकर सचिन पायलट पर तंज कसा था। तब गहलोत ने पायलट पर तंज कसते हुए कहा था जो लोग उन पर यह आरोप लगाते हैं कि पार्टी के लिए खून पसीना बहाकर सरकार बनाने वाले कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होती। उनके यहां भी कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होती। आरोप लगाने वाले खुद भी कार्यकर्ताओं की नहीं सुनते। इसक चार महीने बाद फिर गहलोत ने पायलट को इस मुद्दे पर निशाने पर लिया है।
क्या कहा था पायलट ने
दरअसल पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट कार्यकर्ताओं का मान सम्मान रखने की बात कई बार उठा चुके हैं। पायलट ने कहा था बीजेपी राज में जिन कार्यकर्ताओं ने लाठियां खाईं। मुदमे झेले उनका हमारी सरकार बनने के बाद मानसम्मान होना चाहिए। बीजेपी राज में खून पसीना बहाने वाले कार्यकर्ताओं को यह अहसास होना चाहिए कि सरकार में उनकी भी हिस्सेदारी है।