कम समय में ही अरविंद केजरीवाल ने चखा राजनीति में मीठा और कड़वा स्वाद …जानें सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लेकर क्या कहा….

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत प्रदान कर दी है। कोर्ट ने बड़ी बेंच की सुनवाई होने तक के लिए उन्हें अंतरिम जमानत प्रदान की है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि कोर्ट ने चुनावी फंडिंग को लेकर भी सवाल उठाये। ऐसे में महज पूछताछ को आधार बनाकर गिरफ्तारी की अनुमति नहीं दे सकते। सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की बेंच के गठन के लिए पूरा मामला सीजेआई को भेजा है।

एक्टिविज्म और आंदोलन को छोड़ कर देखें तो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को मुख्यधारा की राजनीति में करीब 12 साल का समय हो चुका है। अपने 12 साल के छोटे से सफर में केजरीवाल ने राजनीति के कुछ मीठे तो कुछ कड़वे तमाम स्वाद चख लिये हैं। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई। गुजरात विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक में अपनी ताकत दिखाई और शराब नीति में घोटाले के आरोप में केजरीवाल सलाखों के पीछे पहुंच भी गये।

भ्रष्टाचार में फंसे जनलोकपाल की मांग करने वाले केजरीवाल

बता दें जनलोकपाल की नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन के रास्ते सियासत में कदम रखने वाले अरविंद केजरीवाल स्वयं भ्रष्टाचार के चक्रव्यूह में बुरी तरह फंस चुके हैं। राजनीति में आने से पहले और इसके बाद में भी केजरीवाल अपने राजनीतिक विरोधियों को चोर, लुटेरा और भ्रष्टाचारी बताया करते थे, लेकिन मौजूदा हालात ऐसे बन गए हैं कि वे स्वयं भी बुरी तरह फंस चुके हैं। जिस मुंह से केजरीवाल दूसरों पर आरोप लगाते हुए भ्रष्टचार में लिप्त होने का दावा किया करते रहे आज उसी मुंह से केजरीवाल स्वयं को और अपने साथियों के बेकसूर बताते हुए कट्टर ईमानदार होने का दावा करते नजर आ रहे हैं। दिल्ली के सीएम केजरीवाल के कहने पर दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन और सांसद संजय सिंह को भी लोग बेकसूर ही नहीं कट्टर ईमानदार भी आसानी से मान लेते, लेकिन दूसरे नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपनी बातों पर स्थिर होते।

शराब घोटाले में किया था केजरीवाल को गिरफ्तार

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। दिल्ली के शराब घोटाले में केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद भी अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया। मुख्यमंत्री बने रह और जेल से सरकार चलाई।

नई शराब नीति के बाद बदली दिल्ली की सियासत

22 मार्च 2021 को तत्कालीन डिभ्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की नई शराब नीति का ऐलान किया था। इसके बाद 17 नवंबर 2021 को राज्य में नई शराब नीति 2021-22 को लागू कर दिया गया। दिल्ली में नई शराब नीति लागू होने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई। यह पूरी व्यवस्था शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई थी। इस नई नीति लाने के पीछे केजरीवाल सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज से मुक्ति मिलेगी और राज्य सरकार के रेवेन्यू में वृद्धि होगी। हालांकि नई शराब नीति के लोगों होते ही विवाद भी खड़े हो गय। बवाल उस समय बढ़ गया जब 28 जुलाई 2022 को केजरीवाल सरकार की ओर से नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी को लागू कर दिया गया।

कांग्रेस भी करने लगी है आप का घेराव

लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ नजर आईं। दोनों मिलकर चुनाव लड़े, लेकिन आम आदमी पार्टी ने देखते ही देखते अब कांग्रेस को भी अपना दुश्मन बना लिया है। दिल्ली में बारिश हो या जल संकट, कांग्रेस किसी भी मौके पर आम आदमी पार्टी को घेरने से नहीं चूक रही है। आम आदमी पार्टी की ओर से भी जिस लेवल पर बीजेपी के खिलाफ हमले किये जाते रहे हैं, उसी अंदाज में कांग्रेस को भी निशाने पर लिया जा रहा है। आरोप लगाए जा रहे हैं।

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