केंद्र सरकार ने परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक जैसे मामलों से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है। NEET और UGC-NET परीक्षाओं में हुई कथित अनियमितता और विवाद के बीच सरकार की ओर भविष्य में इस तरह के मामलों को रोकने के लिए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 लागू कर दिया है। शुक्रवार आधी रात को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। बता दें इसी साल फरवरी माह में संसद ने इस कानून पारित किया था। यह कानून 21 जून 2024 से ही प्रभाव में आ गया है।
- लोक परीक्षा अधिनियम 2024 लागू
- 3 साल से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान
- 10 लाख से 1 करोड़ तक का जुर्माने का भी प्रावधान
- एग्जाम सेंटर के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान
- 19 फरवरी 2024 को संसद से पारित हुआ था लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण अधिनियम
- 12 फरवारी को राष्ट्रपति ने दी थी बिल को मंजूरी
पेपर लीक के खिलाफ केन्द्र सरकार एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने लोक परीक्षा अधिनियम 2024 लागू कर दिया है । जिसके तहत 3 साल से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही 10 लाख से 1 करोड़ तक का जुर्माने का भी प्रावधान इस कानून के तहत किया गया है। एग्जाम सेंटर के खिलाफ भी कार्रवाई किये जाने का प्रावधान किया है। बता दे लगातार एक के बाद एक पेपर लीक मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। पहले एक एग्जाम रद्द कर दिया। उसके बाद सरकार ने नया कानून लागू किया है। इस साल फरवरी 2024 में संसद से पारित पेपर लीक को रोकने के लिए बना कानून अब लागू कर दिया गया है।
शुक्रवार देर रात जारी की अधिसूचना
केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर रात इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। जिसके बाद 21 जून 2024 से ही इसे लागू माना जाएगा। लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण अधिनियम फरवरी में संसद से पारित हुआ था। हालांकि अब तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं की गई थी। दरअसल हर कानून को लागू करने के लिए उसके नियम बनाए जाते हैं। यह काम संबंधित विभाग को ही करना होता है। संबंधित मंत्रालय को इसकी तैयारी करना पड़ती है। इसके साथ क्योंकि मामला शिक्षा से जुड़ा है लिहाजा राज्य सरकारों से भी इस संबंध में चर्चा की गई। क्योंकि शिक्षा का क्षेत्र राज्य से भी जुड़ा हुआ है। राज्य सरकारों से अप्रूवल मिलने के बाद इस कानून को लागू कर दिया गया है।
ये करना भी होगा अब इस कानून के तहत अपराध
- लोक परीक्षा के लिए तय सिक्योरिटी मानकों का उल्लंघन
- किसी परीक्षा कम्प्यूटर सिस्टम या नेटवर्क में छेड़छाड़
- परीक्षा डेट या शिफ्ट में छेड़छाड़- परीक्षार्थी की सीट अरेंजमेंट
- किसी एग्जामिनेशन अथॉरिटी को धमकाना
- एग्जाम अथॉरिटी से जुड़ी नकली वेबसाइट तैयार करना
- नकली एडमिट कार्ड जारी करना या नकली परीक्षा आयोजित करना
- किसी परीक्षा का प्रश्न पत्र या आंसर की लीक
- प्रश्न पत्र या आंसर की लीक करने में किसी के साथ शामिल
- बगैर अनुमति प्रश्नपत्र या ओएमआर शीट अपने पास रखना
- किसी परीक्षा के दौरान किसी से उत्तर लिखने के लिए मदद लेना
- परीक्षा दे रहे परीक्षार्थी को प्रत्याक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से मदद करना
- परीक्षा की आंसर शीट या ओएमआर शीट में छेड़छाड़ करना
- उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बगैर अनुमति छेड़छाड़ करना
- सरकारी एजेंसी की ओर से तय परीक्षा के मानकों का उल्लंघन करना
- मेरिट के लिए तय दस्तावेज में किसी तरह की छेड़छाड़ करना
यह कानून इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि लगातार पेपर लीक होने को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। पेपर लीक को लेकर भी विपक्षी दल सरकार को घेरते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में कानून लागू कर सरकार ने विपक्ष को जवाब देने की तैयारी कर ली है। लागू कानून के तहत अब सार्वजनिक परीक्षाओं में धोखाधड़ी और नकल पर अंकुश लगाने के लिए कम से कम 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है। वहीं पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों के खिलाफ 5 से 10 साल की सजा और कम से कम 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस मामले में यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का ग्रुप किसी तरह का कोई संगठित अपराध करता है। जिसमें परीक्षा का आयोजन करने वाली संस्था और सेवा प्रदाता या कोई दूसरे संस्थान शामिल पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएग। संचालकों को अब कम से कम 5 साल की कैद की सजा दी जा सकेगी। जिसे 10 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है।
संपत्ति कुर्क करने के साथ जब्त करने का भी प्रावधान
नए कानून के तहत जुर्माना 1 करोड़ रुपये से कम नहीं होगा। किसी संस्थान की ओर से संगठित पेपर लीक अपराध में लिप्त पाए जाने पर उस संस्थान की संपत्ति को कुर्क करने के साथ जब्त करने का भी प्रावधान इस नये कानून में किया गया है। वहीं परीक्षा की लागत भी संबंधित संस्थान से ही वसूल की जाएगी। हालांकि यह नया कानून परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को किसी भी दंडात्मक प्रावधानों से बचाता है। यदि कोई परीक्षाथी परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग करते पकड़ा जाता है तो उस परीक्षाथी के खिलाफ परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था के प्रावधानों के तहत ही कार्रवाई की जाएगी।