महागठबंधन में एक और दरार: तेजस्वी और कन्हैया में चल रही है खटपट ?

मंत्री ने दी सफाई बोले भविष्य में साथ दिखेंगे

बिहार के महागठबंधन में आए दिन खटपट की आवाजे सुनाई देती रहीं है। इस बार कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच चल रही अनबन को लेकर सियासी गलियों में तरह तरह की चर्चाएं चल रही है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं में लंबे समय से अनबन है और तो और एक दूसरे के साथ मंच भी साझा करने से बच रहे हैं। इस तरह के कयास उस वक्त ज्यादा चर्चा में आ गए जब पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में कन्हैया कुमार तो पहुंचे लेकिन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कहीं से कहीं तक दिखाई नहीं दिए।

प्रजापति समाज का था आयोजन

बिहार के महागठबंधन में पड़ रही दरार को लेकर उस वक्त ज्यादा चर्चाएं होने लगीं जब पटना के बापू सभागार में बिहार प्रजापति समन्वय समिति की ओर से समारोह में तेजस्वी यादव अनुपतिस्थ दिखाई दिए। कार्यक्रम में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को शामिल होने के लिए न्यौता दिया गया था। मामला दिलचस्प तब हो गया जब इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कन्हैया कुमार तो पहुंचे मगर तेजस्वी यादव ने इस कार्यक्रम में कहीं दिखाई नहीं दिए।

मंत्री ने दी सफाई बोले भविष्य में साथ दिखेंगे

डिप्टी सीएम के मंच साझा नहीं करने को लेकर जब चर्चाएं ज्यादा गर्माने लगीं तब कार्यक्रम में शामिल हुए मंत्री मुरारी गौतम ने मोर्चा संभाला। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि डीप्टी सीएम तेजस्वी यादव की व्यस्तता के कारण उनका कार्यक्रम में शामिल होना संभवन नहीं हो पाया है। उनके कार्यक्रम पहले सही निर्धारित थे। इसलिए आप लोग चिंता मत कीजिए आने वाले समय में दोनों नेता एक साथ दिखाई भी देंगे और मंच भी साझा करेंगे।

​इसलिए मचा घमासान

पूरे मामले की खास बात है कि एक तरफ जहां राज्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे देश के विपक्ष को एक साथ लाने के लिए भागमभाग कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बिहार में महागठबंधन को लेकर इस तरह की खबरें आ रही हैं तो लोग सवाल तो पूछेंगे ही। आपको बता दें कि पटना में 12 जून को विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होने जा रही है। जिसमें आगामी चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी और भाजपा को हराने के लिए एक साथ आने पर जोर दिया जाएगा। ये पूरी कवायद नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही है। ऐसे में यदि बिहार महागठबंधन में कोई दरार आती है तो उस पर राजनीतिक चर्चा होना स्वाभाविक है।

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