केंद्र सरकार ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने के लिए 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. विपक्ष सर्वदलीय बैठक की लंबे समय से मांग कर रहा था. बुधवार को सरकार के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर सर्वदलीय बैठक की जानकारी साझा की गई. बता दें कि
मणिपुर में मैतई और कुकी समुदाय के बीच जारी डेढ़ महीने से संघर्ष चल रहा है जिसमें अब तक 100 लोग अपनी जान गंवा चुके है जबकि हजारों लोग मणिपुर से पलायन कर चुके हैं.
विपक्षी दल कर रहे थे बैठक की मांग
मणिपुर में हो रही हिंसा पर चर्चा करने के लिए विपक्षी दल लंबे समय से सर्वदलीय बैठक की मांग कर रहे थे. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 16 जून को केंद्र पर निशाने साधते हुए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग भी की थी. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मणिपुर हालात पर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साध चुके थे. राहुल ने मणिपुर हिंसा पर पीएम की चुप्पी पर भी सवाल उठाया था और साथ ही मणिपुर में शांति बहाल करवाने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधी मंडल मणिपुर भेजने की वकालत की थी.
क्यों हो रही हिंसा ?
मणिपुर हाईकोर्ट द्वारा मैती समुदाय को जनजातीय जाति का दर्जा दिया गया था. हाईकोर्ट के इसी फैसले के कारण डेढ़ महीने से मैती और कुकी समुदाय के बीच हिंसक झड़प चल रही है. 3 मई को मैती समुदाय की इस मांग के विरोध में आदिवासी एकजुटता दिवस मार्च निकाला गया , जिसके बाद हिंसक झड़पे शुरू हो गई. धीरे धीरे यह हिंसा पूरे मणिपुर में फैल गई. डेढ़ महीने से चल रही हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं.
कैसे है हालात ?
मणिपुर में हिसा को रोकने में राज्य सहित केंद्र सरकार विफल साबित हुई है. राज्य में हिंसा इस कदर बढ़ गई है कि भीड़ द्वारा केंद्रीय मंत्री का घर तक फूंका जा चुका है. शांति बहाल करने के लिए कई बार प्रयास किए जा चुके है, लेकिन हालात सुधर नहीं रहे है. बिगड़ते हालातों के कारण केंद्र को 84 कंपनियां तैनात की गई है, वहीं असम राइफल्स के 10,00 जवान तैनात है, लेकिन इसके बाद भी राज्य में बिगड़ती ही जा रही है.
सोनिया गांधी ने करी शांति की अपील
मणिपुर में लगातार हो रही है हिंसा पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वीडियो जारी कर हिंसा पर दुख जताया है. सोनिया ने मणिपुर के लोगों से शांति की अपील की है. सोनिया गांधी ने कहा है कि राज्य में होने वाली हिंसा ने लोगों की अंतरात्मा पर गहरा घाव छोड़ा है. लोगों को अपने घरों से भागने पर मजबूर किया है. हिंसा में हजारों लोगों की जिंदगियां उजड़ गई है. मैं उन सभी लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करती है, जिन्होंने हिंसा के कारण अपने प्रियजनों को खोया है.