अखिलेश यादव ने संकट मोचन मंदिर में की पूजा दरगाह से बनाई दूरी, हिंदुत्व और धर्मनिरपेक्षता के बीच रास्ते की तलाश

Akhilesh Yadav

लखनऊ। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का अंदाज इन दिनों बदल गया है। रामचरितमानस पर बेहद विवादित बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को पदोन्नत करने के बाद वे वाराणसी के संकट मोचन मंदिर भी पहुंचे। कहा जाता है कि यह वही मंदिर है जहां गोस्वामी तुलसीदास रहा करते थे। इसके साथ ही अखिलेश ने पप्पू की दुकान पर चाय भी पी। बनारस की यह वही मशहूर दुकान है, जो काशीनाथ सिंह की किताब में भी छपी है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान चाय पी थी। यहां पहुंचने के बाद अखिलेश ने एक गिलास नींबू मसाले वाली चाय ली और फिर उसकी चुस्की लेते हुए दुकान में लगी प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर की तरफ तालियां बजाईं।

अखिलेश यादव वाराणसी दौरे पर संकट मोचन हनुमान मंदिर भी गए और वहां पूजा-अर्चना की। मान्यता है कि गोस्वामी तुलसीदास ने संकट मोचन हनुमान मंदिर में रहकर रामचरितमानस की रचना की थी। वही रामचरितमानस, जिसे लेकर सपा के नेता इन दिनों बेहद उलझा देने वाले बयान दे रहे हैं।

हजरत ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की मजार पर क्यों नहीं गए अखिलेश

बता दें अखिलेश सादव के पिता दिवंगत मुलायम सिंह यादव का रास्ता बिल्कुल साफ था। पिछली बार विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव दर्शन और पूजा के लिए विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासनी मंदिर पहुंचे थे। वहां उन्होंने मां विंध्यवासनी की विधिवत पूजा की, लेकिन वह पास के हजरत ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की मजार पर नहीं गए, जबकि दरगाह पर अखिलेश यादव के आगमन की पूरी तैयारी थी। दरगाह पर मुस्लिम समुदाय के लोग फूल, गुलदस्ते और चादर लेकर सपा सुप्रीमो का इंतजार करते रहे। इसके लिए दरगाह को भी सजाया गया था। दरअसल अखिलेश संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मुश्किल यही है। अब इस संतुलन में अखिलेश को फायदा होता है या नुकसान, यह तो वक्त ही बताएगा।

अखिलेश को नए वोट बैंक तलाश

दरअसल में अखिलेश के साथ यही दिक्कत है। वे नए वोट बैंक की तलाश में हैं, क्योंकि मुस्लिम और यादवों का गठबंधन उन्हें तीन अंकों में भी सीटें नहीं दिला सका था। वह ओबीसी का वोट हासिल करने के लिए हिंदुओं को बांटने की पुरानी रणनीति पर काम कर रहे हैं। हालांकि, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी जानते हैं कि वह हिंदुत्व के लिए चल रही लड़ाई में कहीं नहीं हैं और जनता अब भी बीजेपी के साथ है। इस घटना से यह भी जाहिर होता है कि जब अखिलेश चाय पीकर बाहर आए तो चाय वाले पप्पू से मीडिया वालों ने इस बारे में पूछा। पप्पू ने हंसते हुए बस इतना कहा मोदी है तो मुमकिन है। हालांकि पप्पू का जवाब बेहद सीधा-सादा था, लेकिन इसे आने वाले चुनाव को लेकर बनारस के मिजाज की झलक माना जा रहा है।

चुनावी तैयारी में सपा सुप्रीमो

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पैदल ही चाय की दुकान पर जा रहे लोगों से मिलते रहे। कभी मंदिर जा रहे हैं। यानी उन्होंने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही वह बीजेपी पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। अखिलेश यादव ने यूपी इन्वेस्टरर्स समिट को जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला बताया। उन्होंने कहा ‘अगर आप वहां टाई और सूट पहनकर जाएंगे तो बीजेपी वाले आपसे एमओयू साइन भी करवा देंगे। इन्वेस्टर मीट के बहाने जनता को ठगा जा रहा है। पिछली इन्वेस्टर मीट में कितने एमओयू साइन हुए थे, वो धरातल पर उतरे हैं।

साथ ही योगी पर निशाना साधा

अखिलेश ने योगी पर भी निशाना साधा। अखिलेश ने कहा, ‘लखनऊ के जिस इकाना स्टेडियम में योगी क्रिकेट मैच देखने गए थे। उसे समाजवादियों ने बनवाया था।योगी को यह भी नहीं पता कि नो बॉल क्या होती है? कितने स्टंप लगाए हैं? उनके बीच की दूरी कितनी है? पिच की लंबाई कितनी होती है? कुछ नहीं पता, बस मैच देखने चले गये।

गंगा की सफाई पर सवाल

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने गंगा की सफाई को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने बीजेपी के ट्रैक रिकॉर्ड पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा नमामि गंगे से पूछो, गंगा साफ हो गई क्या? एनजीटी, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट इस पर सवाल उठा चुके हैं, जिसके बाद विपक्ष ने सवाल उठाया।

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