Ajmer Dargah of Rajasthan यहाँ महादेव थे अब अजमेर दरगाह पर दावा!
संभल मामले में फिलहाल सर्वे हो ही रहा था कि अचानक अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर भी कोर्ट ने आदेश जारी कर दिए। कोर्ट ने भारत सरकार के आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट के साथ अल्पसंख्यक मंत्रालय, औऱ अजमेर दरगाह शरीफ कमेटी को नोटिस दिया है। दरअसल अजमेर दरगाह शरीफ को लेकर हिदूं सेना के विष्णु गुप्ता ने एक याचिका लगाई जिसमें कहा गया कि अजमेर दरगाह शरीफ के नीचे महादेव का मंदिर है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तीन नोटिस जारी किए है। याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने अपनी याचिका में कोर्ट से दरगाह शरीफ का सर्वे कराने की अपील की है।
याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने दरगाह शरीफ पर मंदिर होने के दावे का आधार एक किताब को बताया है। ये किताब 113 साल पहले अजमेर के ही हरविलास शारदा ने लिखी थी। किताब 1911 में प्रकाशित हुई जिसका नाम अजमेर हिस्टोरिकल और डिस्ट्रक्टिव प्रमुख है। इस किताब में ख्वाजा की दरगाह को लेकर कई सारी बातें लिखीं है और इसी में लिखा है कि दरगाह शिव मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई है। हरविलास शारदा अजमेर के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक थे उन्होने 1867 में बी ए की डिग्री ली थी। पहले वो टीचर रहे फरि न्यायिक सेवा में गए। दो बार विधायक और जज भी रहे। 1929 में उन्होंने ने ही बाल विवाह निषेध अधिनियम पास कराया था जिसे आज कानून में शारदा एक्ट के नाम से जानते हैं। हरविलास 21 सला की उम्र में आर्य समाज के प्रमुख बने थे। हरविलास की किताब के आधार पर कोर्ट में याचिका लगाई गई है जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है।
किन किन मस्जिदों पर है विवाद
एक बड़ा इत्तेफाक ये है कि ये याचिका उसी समय स्वीकार करी गई जब उत्तरप्रदेश में संभल की मस्जिद को लेकर सर्वे चल रहा है। इससे पहले बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद था । जो देश के सबसे बड़े विवाद में से एक माना जाता था। बाबरी मस्जिद की जगह अब अदालत के आदेश पर राम मंदिर बना है,
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद था जिसमें सर्वे मंदिर होने की पुष्टि हो चुकी है।
इसके अलावा श्रीकृष्ण जन्म स्थली और संभल का विवाद सामने है । इसी बीच मध्यप्रदेश में भोजशाला का भी सर्वे पूरा हो चुका है। धार भोजशाला की जगह वाग्देवी मंदिर होने का दावा है। अब अजमेर की दरगाह को लेकर भी सर्वे की अपली की जा रही है।