महाराष्ट्र में वैसे चुनाव दूर हैं, लेकिन सियासत पूरी चुनावी वाली ही चल रही है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष के पद को छोड़ने का एलान कर दिया है। जिससे एनसीपी में हड़कंप मच गया। सब कुछ शरद पवार की मंशा के अनुरुप चलता रहा तो सुप्रिया सुले एनसीपी की नए हाईकमान हो सकती हैं। जबकि नाराज अजित पवार को महाराष्ट्र की जिम्मेदारी देने की घोषणा की जा सकती है।
- एनसीपी में महाघमासान
- शरद पवार के लिए पद छोड़ना नहीं आसान
- राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं शरद पवार
- शरद पवार ने बनाई नई रणनीति
- सुप्रिया सुले को बनाया जा सकता है पार्टी अध्यक्ष
- महाराष्ट्र में पार्टी की जिम्मेदारी अजित पवार को सौंपी जाएगी
महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार एनसीपी के भीतर उत्तराधिकार की लड़ाई के केंद्र में रहे हैं। पिछले दिनों उनकी ओर से एक नए विद्रोह की अटकलें लगाई जा रही थीं। इस बीच शरद पवार ने पद छोड़ने के अपने फैसले को लेकर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से चर्चा की। बता दें उस समय अजीत पवार एनसीपी में एकमात्र वरिष्ठ नेता के रूप में अलग खड़े थे, जिन्होंने शरद पवार के पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के फैसले का समर्थन किया और वे शरद पवार के माइंड गेम में फंस गए। दरअसल बीजेपी के साथ जाने के लिए तैयार बैठे अजीत पवार पर शरद पवार ने पद छोड़ने की बात कहकर मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। शरद पवार ने कहा वे रिटायरमेंट ले रहे है। उनकी जगह किसी ओर को अध्यक्ष चुन लिया जाए। इस कदम के बाद शरद पवार को कम से कम ये तो पता चल ही जायेगा की पार्टी में कौन उनकी बात अभी सुन रहा है और कौन है जो अजीत पवार के साथ जाना चाहता है। शाम तक सियासी उहापोह के बीच अजीत पवार शरद पवार से मिलने के लिए एनसीपी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए। ओर दिन के अंत तक उन्हें शरद पवार से आश्वासन मिला कि वे अगले दो तीन दिन के लिए इस्तीफे के फैसले को रोक देंगे। यानी पिक्चर अभी बाक़ी है।
क्या शरद पवार पद पर बने रहेंगे
ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात कहकर पार्टी में घमासान पैदा करने वाले शरद पवार क्या फिलहाल पद पर बने रहेंगे। बता दें 1999 में शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बनाई थी। जिसके पिछले 24 साल से वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। शरद पवार आखिरी बार साल 2022 में चार साल के लिए अध्यक्ष बने थे। उनका अभी करीब डेढ़ साल का समय बचा है लेकिन अब उन्होंने बीच में ही पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दी। हालांकि उनके इस्तीफे पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। क्योंकि पार्टी के कुछ नेता उन पर दबाव बना रहे हैं कि वे इस्तीफे के अपने फैसले को वापस ले लें। जिस एनसीपी का उन्होंने गठन किया था उसकी कमान उन्हीं के पास रहे। यही वजह है कि शरद पवार ने पूरे घटनाक्रम के बाद फैसले पर फिर से मंथन करने के लिए फिलहाल 2 से 3 दिन का समय पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मांगा है।
इस्तीफा दिया तो कौन संभालेगा कुर्सी
शरद पवार यदि पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ देते हैं तो ऐसी स्थिति पर में नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए उन्होंने पार्टी नेताओं की कमेटी बनाने की सिफारिश की है। जिसमें उनकी बेटी सुप्रिया सुले के साथ भतीजे अजित पवार और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को शामिल करने की बात कही है। इस कमेटी में छगन भुजबल और जयंत पाटिल को भी शामिल किया जाएगा। कमेटी के सदस्य ही ये तय करेंगे कि नया अध्यक्ष कौन होगा।