महाराष्ट्र की सियासत में लगता है जून जुलाई का महीना खास उथलपुथल भरा होता है। महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच अजीत पवार को राज्य का नया डिप्टी सीएम बनाया गया है। इसके साथ ही एनसीपी के नौ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। जिनमें सुनील वलसाड, धर्मराव अत्राम, अदिति तटकरे, छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, दिलीप वलसे पाटिल, अनिल पाटिल के नाम शामिल हैं।
- महाराष्ट्र में महापॉलिटिकल ड्रामा
- राजभवन में हुआ शपथ ग्रहण समारोह
- शिंदे सरकार में शामिल हुए अजित पवार
- पावर में अजित पवार, शिंदे सरकार में बने डिप्टी सीएम
- महाराष्ट्र् सरकार में अब दो डिप्टी सीएम
- छगन भुजबल बने शिंदे सरकार में मंत्री
- एक घंटे पहले थे नेता विपक्ष
- एक घंटे बाद डिप्टी सीएम बने अजित पवार
- विपक्षी एकता को झटका
बता दें अब 2 जुलाई रविवार को फिर सियासी घमासन मच गया जब एनसीपी नेता अजित पवार अचानक राज्यपाल रमेश बैस से मिलने राजभवन जा पहुंचे। इसके कुछ देर में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के साथ डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी राजभवन जा पहुंचे। सियासी घमासान में नया मोड उस समय आया जब राज्यपाल रमेश बैस ने अजीत पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई। इसके साथ ही एनसीपी के छगन भुजबल ने भी शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने भी शिदें कैबिनेट में बतौर मंत्री पद की शपथ ली। उनके बाद महिला विधायक अदिति तटकरे को शपथ ग्रहण कराई गई। वहीं अजित पवार और छगन भुजबल के बाद कभी राज्य के गृहमंत्री रहे दिलीप वलसे पाटिल को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री रहे वलसे को शरद पवार का करीबी माना जाता है।
- छगन भुजबल ने ली मंत्री पद की शपथ
- धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल बने मंत्री
- अदिति तटकरे ने ली मंत्री पद की शपथ
- दिलीप वलसे पाटिल ने ली शपथ
- धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल ने ली मंत्री पद की शपथ
- अजीत पवार गुट का 40 विधायकों के समर्थन का दावा
- प्रदेश अब और तेजी से भागेगा- शिंदे
- अजित पवार के आने से सरकार को होगा फायदा
- महाराष्ट्र में आज से ट्रिपल इंजन की सरकार-शिंदे
शिंदे सरकार के समर्थन में 35 विधायकों की सूची सौंपी
सूत्रों की माने तो अजीत पवार ने राजभवन पहुंचकर एनसीपी के 35 विधायकों के शिंदे सरकार को समर्थन वाली चिट्ठी राज्यपाल रमेश बैस को सौंपी। बता दें राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल ने अजीत पवार को शपथ दिलाई। महाराष्ट्र राजभवन में सीएम एकनाथ शिंदे के साथ डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे। इसके साथ ही अजीत पवार के साथ एनसीपी के नौ विधायक भी सीएम एकनाथ शिंदे के साथ खडे़ नजर आए। एनसीपी से सूत्रों का कहना है अजित पवार के साथ राजभवन गए कुछ विधायक दरअसल पटना में विपक्षी एकता बैठक में राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने के साथ उन्हें सहयोग करने के शरद पवार के एकतरफाष् फैसले से नाराज बताए जा रहे थे।
जून 2022 में शिंदे ने की थी शिवसेना से बगावत
बता दें पिछली बार जून में एकनाथ शिंदे ने बगावत की थी और महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई। शिंदे सीएम बने। अब एक बार फिर महाराष्ट्र् की सियासत में महा पॉलिटिकल ड्रामा सामने दिखाई दे रहा है। जून में एनसीपी मुखिया शरद पवार ने इस्तीफा देकर सियासी हड़कंप मचा दिया था। किसी तरह शरद पवार माने और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के साथ प्रफुल्ल पटेल को नया कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।
बीजेपी और शिंदे पर लगे आरोप
इस सियासी उलटफेर को लेकर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने निशान साधा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में जिस लोकतंत्र की जननी के बारे में बात कर रहे थे। वह यही है। इस बीच शिवसेना यूटीबी से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी बीजेपी को निशाने पर लिया। चतुर्वेदी ने कहा है कि भाजपा देश में वैचारिक गठबंधन की बात करने वाली आखिरी पार्टी होनी चाहिए। ये नेता सिर्फ राजनीतिक अवसरवादी हैं। वे वो हैं जो किसी भी कीमत पर सत्ता चाहते हैं। उन्होंने कहा महाराष्ट्र में जो विधायक भ्रष्ट थे और जेल गए थे। अब वे मंत्री पद की शपथ ग्रहण कर रहे हैं।