सुर्खियों में AICC डेलीगेट की सूची, पिता पुत्र को बनाया एआईसीसी सदस्य, कांग्रेस की सूची पर सियासत

AICC member Congress list

भोपाल। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के एआईसीसी सदस्यों की सूची जारी की है। वहीं कांग्रेस की डेलीगेट लिस्ट तीन पिता पुत्रों की जोडी भी शामिल है। जिसमें कमलनाथ और उनके बेटे नकुल नाथ, दिग्विजय सिंह और उनके बेटे जयवर्द्धन सिंह के साथ कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे विक्रांत भूरिया का नाम शामिल है। इसे लेकर मध्यप्रदेश में सियासत शुरू हो गई है।

कांग्रेस खानदानी पार्टी- शिवराज

सीएम शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है। सीएम ने इसे खानदानी सूची बताया। कांग्रेस की डेलीगेशन सूची को लेकर सीएम शिवराज ने कहा कि खानदानी पार्टी है। खानदानी मतलब है एक ख़ानदान के मां-बेटा, बहन-भाई बहन की पार्टी। पिता पुत्र की पार्टी दूसरों की ज़रूरत ही क्या है। कार्यकर्ता दरी बिछाए और हम राज करेंगे। वहीं गृहमंत्री डाॅ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेस संभालने से ज्यादा अपनी गद्दी संभालने की चिंता है। वहीं कांग्रेस इसे लेकर बीजेपी पर पलटवार कर रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना बीजेपी के पास मुददे नहीं है। कोई विषय नहीं बचा है।

अधिकतर पूर्व मंत्री और विधायक शामिल

फिलहाल बात हो रही है 24 फरवरी से रायपुर में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन की। जिससे पहले कांग्रेस ने मध्य प्रदेश से आने वाले एआईसीसी सदस्यों की जारी सूची की है। मध्य प्रदेश कांग्रेस से 99 नेताओं को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सदस्य बनाया गया है। जिसमें अधिकतर पूर्व मंत्री और विधायक शामिल हैं। इसमें दिग्गज नेताओं को तरजीह दी गई है। फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्षों को भी सदस्य बनाया है। मध्य प्रदेश से एआईसीसी डेलीगेट की सूची में तीन पिता पुत्रों के नाम हैं। इसमें कमलनाथ और नकुलनाथ, दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के साथ ही कांतिलाल भूरिया और विक्रांत भूरिया को जगह दी गई है। एआईसीसी सूची में सबसे ज्यादा कमलनाथ के समर्थकों के नाम शामिल किए गए हैं। इसके अलावा अरुण यादव, अजय सिंह का नाम सूची में है। हालांकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के भाई और पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव का नाम नहीं है। एआईसीसी सूची में सबसे ज्यादा कमलनाथ समर्थकों के नाम शामिल किए गए हैं। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जारी की गई एआईसीसी सदस्यों की इस लिस्ट में कांग्रेस ने सभी दिग्गजों को साधने की कोशिश की है। उज्जैन जिले के तीनों विधायकों महेश परमार, रामलाल मालिवे और दिलीप सिंह गुर्जर समेत भारत जोड़ो अभियान में राहुल गांधी के साथ शामिल रहीं प्रदेश उपाध्यक्ष नूरी खान को भी इसमें जगह दी गई है।

भाजपा में मोदी का सख्त फार्मूला

वैसे राजनीति में परिवारवाद पुराना रोग है। मध्य प्रदेश में यह रोग कांग्रेस ही नहीं बीजेपी में भी रहा है। हालांकि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सख्त फार्मूले के बाद बीजेपी में आने वाली पीढ़ी के लिए राजनीति में काफी मुश्किल सफर होने वाला है। मध्यप्रदेश में इस परिवारवाद का लाभ जिन लोगों को मिला है। उनकी लंबी सूची है जिसमें सिंधिया, कमलनाथ, दिग्विजय ही नहीं सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी,वीरेंद्र कुमार सकलेचा तक के नाम शामिल हैं।

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सियासत की दहलीज पर खड़े नेता पुत्र

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