राजस्थान अपनी मरूभूमि और विरासत के लिए जाना जाता है। इसी मरूभूमि में एक मिनी इज़राइल भी है। ये मिली इज़राइल बसा है राजस्थान के राजधानी जयपुर के पास। जयपुर के पास गुड़ा कुमावतान गांव में ।
इस गांव में इजराइल की तर्ज पर की जाती है खेती
जयपुर के पास गुड़ा कुमावतान और बसेड़ी दो गांव है जहां किसानो ने मिनी इजराइल बसा रखा है। छह किलोमीटर के दायरे में इस जगह 300 ये ज्यादा पोलीहाउस है। इन्ही पोलिहाउस के जरिए तकरीबन चालीस किसान खेती करतें है। पिछले कुछ सालों में ये सभी किसान करोड़पति बन गए हैं।
खेमा राम ने बदली गांव के किसानों की तकदीर
खेमा राम पहले भी खेती करते थे लेकिन पारंपरिक खेती में बहुत फायदा नहीं होता था। खेमा राम को राजस्थान सरकार एक बार इज़राइल लेकर गई। जो किसान इज़राइल गए वो खेती की उन्नत तकनीक सीखकर आए। खासकर पोलीहाउस में किस तरह से खेती की जाए ये तकनीकी उन्होंने सीखी। इज़राइल से लौटने के बाद खेमा राम ने राजस्थान के इस गांव को इज़राइल में बदल दिया।
पहले गांव वालों ने उड़ाई हंसी
खेमाराम जब इज़राइल से लौटे तो कम पानी और कंट्रोल इनवारमेंट में खेती करने की तरीका सीख चुके थे। गांव आकर उन्होंने पॉलीहाउस बनाया । पोलिहाउस देखकर गांव वालों ने उनकी हंसी उड़ाई लेकिन लगातार खेमा राम को फायदा होते देख दूसरे किसानों ने भी पोलीहाउस बनाया। पोलिहाउस धीरे धीरे पूरे गांव मे बनने लगे। अब उस इलाके के छह किलोमीटर के दायरे में 300 से ज्यादा पोलीहाउस है। इन पोलीहाउस ने वहां किसानो की किस्मत ही बदल दी। पोलीहाउस में खेती करने वाले किसान अब लखपति करोड़पति हैं।
खेमराम का करोड़ो का टर्न ओवर है
खेमाराम के पास आब सात पोलीहाउस, दो तालाब, चार हजार वर्गमीटर में फैन पैड लगे हैं। इसके अलावा चालीस किलोवॉट का सोलर पैनल भी है। 2012 में पोलीहाउस के खेती करने वाले खेमाराम की आमदनी 2019 में दस गुनी हो गई । अब खेमाराम तीन हेक्टेयर जमीन में सालाना एक करोड़ का टर्न ओवर है।