राजस्थान के रमेश चौधरी। रमेश चौधरी की गिनती देश के अमीर किसानों में होती है। रमेश चौधरी राजधानी जयपुर के पास रमपुरा गांव में रहते हैं। रमेश चौधरी के घर को देखकर आप उनकी खेती के मुनाफे का अंदाजा लगा सकते है।
तीन सौ बीघा जमीन है रमेश के पास
रमेश चौधरी तीन सौ बीघा जमीन पर खेती करते है। रमेश का घऱ ढाई एकड़ में बना है और किसी मल्टीनेशनल कंपनी के दफ्तर को मात देता है। रमेश यहां अपने पांच भाई के साथ रहते हैं। रमेश के इस घर में 30 सदस्य हैं।
रमेश के पास हैं तीन पाली हाउस और एक ग्रीन हाउस हैं
रमेश के पास तीन पाली हाउस हैं और एक ग्रीन हाउस हैं। पाली हाउस में रमेश टमाटर और खीरा लगाते हैं तो वहीं ग्रीन हाउस में फूलों की खेती की जाती है। रमेश के पास पाली हाउस ग्रीन हाउस के अलावा खेती की जमीन भी है। इस जमीन पर रमेश मक्के की खेती करतें है । मक्के की खेती से रमेश का सालान टर्न ओवर ढाई करोड़ से भी ज्यादा का है।
रमेश दिन के 12 घंटे खेतों मे करते हैं काम
रमेश और उनके चारों भाईय़ों की आदत है वो सुबह जल्दी जाग जाते है। सुबह सूरज निकलने से पहले रमेश भैसों को चारा,पानी देकर खेतों पर निकल जाते है। सभी भाईयों के बीच खेती का काम बंटा हुआ है। परिवार के सदस्य एक साथ खाना खाते हैं और उसी समय अगले दिन के काम भाईयों के बीच तय होते हैं।
खेती ही जीवन हैं
रमेश का मानना है कि उनकी सामाजिक हैसियत आज खेती के ही कारण है। खेती के कारण ही आज उनके पास फार्चूनर जैसे बड़ी गाड़ियां है इतना बड़ा बंगला है और समाजिक हैसियत है। इसलिए रमेश का मानना है कि खेती के जरिए इतना अच्छा जीवन मिला है इसलिए वो और उनके सभी भाई पूरी लगन से खेती करते हैं।रमेश का घर आज उन आधुनिक किसानों के घर की तरह माना जा सकता है जिसमें एक तरफ गाय औऱ भैंसें बंधी हैं तो दूसरी तरफ रमेश लक्ज़री गाड़ियां।
रमेश को खेती में होता है करोड़ो का मुनाफा
पाली हाउस और ग्रीन हाउस के अलावा रमेश मक्के की खेती में भी काफी मुनाफा कमा लेते है। मक्के की खेती से रमेश को साला ढाई करोड़ तक की इनकम होती है।