खेती से बदली तकदीर, आज देशभर में मिलता है सम्मान

गेनाभाई पटेल

गेना भाई पटेल ये वो नाम है जिसे गुजरात में कौन नहीं जानता। कोई भी बड़ी शख्सियत जब गुजरात की धऱती पर कदम रखती है तो वो गेना भाई का जिक्र करे बिना नहीं रहती । ऐसा क्यों आइए बताते हैं आपको कि क्या खासियत है गेना भाई की जो सब उऩका उदाहरण देते है। दऱअसल गीना भाई गुजरात के एक किसान है। गेनाभाई दिव्यांग हैं लेकिन फिर भी उनके खेती करने की ललक और तौर तरीके से उन्होंने अपना नाम लोगों के दिलो दिमाग में दर्ज कर लिया।

गेनाभाई पटेल

जानें कौन है गेना भाई पटेल

गुजरात के रहने वाले गीना भाई पटेल ने अब तक देश भर में कृषि को लेकर 17 अवार्ड हासिल किए हैं। गेनाभाई दरधाभाई पटेल गुजरात के बनासकांठ जिले के लाखणी के गोलिया गांव में रहते हैं। गेनाभाई देश के 2004-2005 में डिसा में आयोजित कृषि मेले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे। गेनाभाई प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित हो गए और फिर  से खेती करने की इच्छा जताई। दिव्यांग होने के कारण गेना भाई के लिए खेती आसान नहीं थी लेकिन उन्होंने जिद करके खेती की। शुरूआत अनार की खेती से की।

गेनाभाई ने खेती में कई सारे एक्सपेरिमेंट किए

दिव्यांग होने के चलते गेनाभाई के लिए खेती आसान नहीं थी। लेकिन गेनाभाई अपने मजबूत इरादे पर डटे रहे। गेनाभाई ने पूरी खेती की देखभाल के लिए उसमें सीसीटीव्ही कैमरे लगवाए। उसके साथ ही गेनाभाई ने अनार के पौधों को कुछ इसतरह से लगावाया कि वो अपनी ट्राइसाइकल के जरिए पूरे खेत को मुआयना कर सकें। एक एक पौधे को अपनी ऑखों से देख सकें।

गेनाभाई पटेल

वैज्ञानिक तरीके से खेती की

गेनाभाई ने वैज्ञानिक तरीके से खेती की। वैज्ञानिक तरीके से खेती करके गेना भाई ने लाखों कमाएं। पहले गेनाभाई अनार की फसल में केवल पचास से साठ हजार रूपए तक ही कमा पाते थे । वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के बाद अनार की फसल में गेनाभाई को जबरजस्त फायदा हुआ और वो अब लाखों कमाते हैं।
अनार की फसल के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने भी गेनाभाई को एक लाख का इनाम दिया है।

पद्म श्री अवार्ड मिल चुका है

गेना भाई को भारत सरकार के पद्म श्री अवार्ड से भी नवाजा गया है। गेना भाई पटेल ने अपनी मेहनत और लगन  से अलग पहचान बनाई है। गेनाभाई देश के किसानों के लिए एक मिसाल है। गेना भाई को अब तक 17 अवार्ड मिल चुकें है जिसमें 4 नेशनल अवार्ड भी शामिल हैं।

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