बिहार कर्मचारी चयन आयोग का बड़ा फैसला, रद्द की स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा

आर्थिक अपराध ईकाई की जांच के बाद फैसला

पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने बड़ा फैसला ले ही लिया और परीक्षा रद्द करने का ऐलान कर दिया है। आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई के बाद आयोग ने पेपर लीक की बात मान ली है और विज्ञापन संख्या 01/22, तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त (प्रारम्भिक) प्रतियोगिता परीक्षा के पहले चरण की परीक्षा को रद्द कर दिया है। बता दें कि छात्र नेताओं ने 4 जनवरी को बिहार बंद का ऐलान किया था। इसके अलावा, 29 दिसंबर को सोशल मीडिया पर आंदोलन की बात कही थी।

आयोग ने पेपर लीक को स्वीकारा

परीक्षा 23 और 24 दिसंबर को आयोजित हुई थी और पर्चा लीक का मामला पहले चरण में सामने आया था। यह परीक्षा राज्य के 38 जिलों के 528 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की गई थी। आयोग के मुताबिक 10:00 बजे से 12:15 बजे की परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्रों के कुछ पन्ने व्हाट्स एप पर वायरल हुए, जिनका मिलान करने पर पता चला कि प्रश्नों के पन्ने प्रथम चरण की परीक्षा से संबंधित हैं। आर्थिक अपराध इकाई ने गंभीरता से मामले की जांच की। इसके बाद आयोग ने सभी अभ्यर्थियों को उसी दिन आश्वस्त किया था कि यदि परीक्षा की पारदर्शिता तनिक भी प्रभावित हुई होगी तो आयोग प्रथम चरण की परीक्षा को रद्द करने में भी देर नहीं करेगा।

डेढ़ महीने के अंदर होगी परीक्षा
प्रथम चरण के सभी अभ्यर्थियों के लिए आयोग की ओर से संदेश दिया गया है कि उनकी प्रारम्भिक परीक्षा अगले 45 दिन के अंदर पुनः आयोजित की जाएगी। साथ ही, आयोग ने यह भी कहा है कि इस परीक्षा के सभी अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया जाता है कि आयोग किसी भी अभ्यर्थी के साथ भेद-भाव या अन्याय नहीं होने देगा.

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