भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को चौतरफा संकट का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान को सैन्य ही नहीं आर्थिक और कूटनीतिक स्तर पर गहरा नुकसान पहुँचा है। पाकिस्तान को जहां सैन्य और कूटनीतिक मोर्चों पर भारी नुकसान उठाना पड़ा वहीं अब जल संकट ने उसकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
- पाकिस्तान में जल संकट
- ‘पानी ने लगाई पाकिस्तान में आग’
- पानी के लिए पाक में मचने लगा हाहाकार
- सिंध के गृह मंत्री जिया-उल-हसन लांजार का घर फूंका
- सिंधु जल संधि टूटने से पाकिस्तान को जलआघात
- पाकिस्तान को करीब 10 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान
भारत सरकार की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित करने और रणबीर नहर परियोजना के विस्तार से पाकिस्तान में जल संकट और गहरा गया है। इस परियोजना के तहत भारत सिंधु नदी के जल का अधिक से अधिक उपयोग अपने क्षेत्रों में करेगा। जिससे पाकिस्तान को मिलने वाले पानी की कम हो जाएगी। विशेषज्ञों की माने तो सिंधु जल संधि टूटती है या उसका उल्लंघन होता है, तो इससे पाकिस्तान को करीब 10 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान होगा। ऐसे मे पाकिस्तान में अब पानी के लिए हाहाकार मचने लगा है।
फूंका दिया सिंध में गृह मंत्री का घर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में उत्पन्न जल संकट ने अब आंतरिक असंतोष को और बढ़ा दिया है। इस असंतोष की एक प्रमुख वजह सिंध प्रांत में है जहां प्रदर्शनकारियों ने सिंध के गृह मंत्री जिया-उल-हसन लांजार का घर आग के हवाले कर दिया। सिंध प्रांत में इंद्रा नदी से जल की निकासी को लेकर सरकार की योजना के खिलाफ विरोध में वहां प्रदर्शन हुए।
पाक सरकार के खिलाफ लहराई AK-47 राइफल
प्रदर्शनकारियों ने हाइवे पर धरना देने की कोशिश की। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो स्थिति भीड़ हिंसक हो गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सिंध प्रांत के गृह मंत्री जिया-उल-हसन लांजार के घर को आग के हवाले कर दिया। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें देखा जा सकता है कि पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारी खुलेआम AK-47 राइफलों और अन्य हथियारों के साथ सड़कों पर घूमते नजर रहे थे।
पाक के सिंध प्रांत की सरकार और स्थानीय समूहों का मानना है कि इससे सिंध को मिलने वाले पानी की मात्रा में कमी आएगी। राज्य की कृषि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, उन्होंने इस योजना का विरोध किया, जो बाद में हिंसक रूप ले लिया।
दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में उत्पन्न जल संकट ने वहां आंतरिक असंतोष को बढ़ा दिया है। सिंध प्रांत के गृहमंत्री के घर को आग के हवाल करने जैसी घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि पाकिस्तान सरकार की नीतियों के खिलाफ वहां की जनता का गुस्सा बढ़ रहा है। सरकार ने समय रहते जल्द ही इस संकट का समाधान नहीं किया, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
पाकिस्तान को सैन्य नुकसान…आतंकी ठिकानों का विनाश
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाये पाकिस्तान ने जब सीमावर्ती क्षेत्रों में गोलीबारी की तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया गया। 25 मिनट में भारतीय सेना ने 24 मिसाइल हमलों के माध्यम से 21 आतंकी शिविरों को नष्ट किया। जिसमें लगभग 70 आतंकवादी मारे गए। ये शिविर जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से जुड़े थे।
पाकिस्तानी एयरबेस हुआ तबाह
भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल हमलों में पाकिस्तान को कई बड़े आघात लगे। उसका एक महत्वपूर्ण एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम AWACS विमान नष्ट हो गया। जिससे उसकी हवाई निगरानी क्षमता पर बड़ा असर पड़ा है।
एयरबेस पर हमले
भारत की सेना ने पाकिस्तान के भीतर स्थित भोलारी, स्कर्दू, सियालकोट, और सुक्कुर जैसे प्रमुख एयरबेस पर सटीक हमले किए। जिससे रनवे, हैंगर और कंट्रोल टावरों को भारी क्षति पहुँची है।
ड्रोन और मिसाइल रक्षा प्रणाली विफल
पाकिस्तान की ओर से उपयोग किए गए चीनी और तुर्की ड्रोन भारतीय रक्षा प्रणालियों के सामने असफल रहे। जिससे उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर से आर्थिक चोट
पाकिस्तान के शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। ऑपरेशन सिंदूर के बाद कराची स्टॉक एक्सचेंज का KSE-100 सूचकांक लगभग 5% गिर गया था। जिससे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
पाक में व्यापारिक अस्थिरता
भारतीय सेना के जबावी हमलों के बाद पाकिस्तान में व्यापारिक माहौल अस्थिर हो गया है। जिससे विदेशी निवेशकों का विश्वास भी डगमगाया और आर्थिक विकास पर असर पड़ा है।
कूटनीतिक और आंतरिक प्रभाव
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति सहिष्णुता को उजागर किया है। जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुँचा है।
पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता का दौर
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल की पदोन्नति भले ही मिल गई हो लेकिन उन्हें देश में आलोचना और व्यंग्य का सामना करना पड़ रहा है। जिससे राजनीतिक अस्थिरता भी बढ़ी है।..प्रकाश कुमार पांडेय