कुल 6 दिनों पहले एक समूह ने जो रिसर्च ग्रुप होने का दावा करता था, एक रिपोर्ट जारी की थी। उसके तुरंत बाद ही गौतम अडाणी की कंपनी औंधे मुंह तो नहीं गिरी, पर लड़खड़ाई जरूर। आज यानी 30 जनवरी को अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत पर साजिश के तहत हमला बताया है। ग्रुप ने 413 पन्नों का जवाब जारी किया। इसमें लिखा है कि अडाणी समूह पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। ग्रुप ने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट का असल मकसद अमेरिकी कंपनियों के आर्थिक फायदे के लिए नया बाजार तैयार करना है।
- हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी और इसमें अडाणी ग्रुप पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े आरोप लगाए गए थे
- रिपोर्ट जारी होने के बाद गौतम अडाणी की नेटवर्थ 10% कम हो गई और फोर्ब्स के मुताबिक, अडाणी को नेटवर्थ में 1.32 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था
- अमेरिका के हिंडेनबर्ग रिसर्च एलएलसी ने बुधवार यानी (25 जनवरी को अपनी रिपोर्ट में बताया कि अडाणी ग्रुप की सभी प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर काफी ज्यादा कर्ज है और शेयरों को 85% से ज्यादा ओवरवैल्यूड भी बताया
- हिंडेनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर कई दशकों से मार्केट मैनिपुलेशन, अकाउंटिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग करने का भी आरोप लगाया है
अब समझिए कि हिंडेनबर्ग है क्या?
अडाणी पर लगे आरोप निराधार
अडाणी ग्रुप ने किया है पलटवार
अडाणी समूह ने जवाब में लिखा कि यह रिपोर्ट किसी खास कंपनी पर किया गया बेबुनियाद हमला नहीं है, बल्कि यह भारत पर किया गया सुनियोजित हमला है। यह भारतीय संस्थानों की आजादी, अखंडता और गुणवत्ता पर किया गया हमला है। यह भारत के विकास की कहानी और उम्मीदों पर हमला है। समूह ने कहा कि यह रिपोर्ट गलत जानकारी और आधे-अधूरे तथ्यों को मिलाकर तैयार की गई है। इसमें लिखे गए आरोप बेबुनियाद हैं और बदनाम करने की मंशा से लगाए गए हैं।
- अडाणी समूह ने अपने जवाब में हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए
- ग्रुप ने कहा कि जब अडानी समूह का IPO लॉन्च होने वाला है, जो कि देश का सबसे बड़ा IPO होगा, तो उससे ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट जारी करके हिंडनबर्ग ने अपनी बदनीयत का सबूत दिया है
- अडाणी ग्रुप ने कहा कि हिंडनबर्ग ने यह रिपोर्ट लोगों की भलाई के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए जारी की है और इसे जारी करने में हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटीज एंड फॉरेन एक्सचेंज लॉ का भी उल्लंघन किया है
- अडाणी ग्रुप ने यह कहा है कि न तो यह रिपोर्ट स्वतंत्र है, न निष्पक्ष है और न ही सही तरह से रिसर्च करके तैयार की गई है
अभी पिक्चर बाकी है, मेरे दोस्त
(मनीष शर्मा के इनपुट्स पर आधारित। मनीष शेयर मार्केट विशेषज्ञ हैं)