नई दिल्ली। अडाणी एंटरप्राइजेज ने एक चौंकानेवाले फैसले में अपने 20 हजार करोड़ रुपए के इक्विटी शेयर्स के FPO को रद्द कर दिया है। ये FPO कैंसिल होने के बाद इन्वेस्टर्स का पैसा वापस किया जाएगा। बुधवार की देर रात कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने यह फैसला लिया। इस इक्विटी शेयर्स की फेस वैल्यू एक रुपए है। यह FPO पूरी तरह सबस्क्राइब हुआ था।
- FPO का अर्थ होता है फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर जो कंपनी के लिए पैसे जुटाने का एक तरीका है
- यह आइपीओ से अलग होता है, IPO का अर्थ होता है जब कंपनी अपना पहला शेयर पेश करे
- जो कंपनी पहले से शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है, वह निवेशकों के लिए नए शेयर ऑफर करती है
- ये शेयर बाजार में मौजूद शेयरों से अलग होते हैं और ज्यादातर ये शेयर प्रमोटर्स जारी करते हैं
- FPO का इस्तेमाल कंपनी के इक्विटी बेस में बदलाव करने के लिए होता है।
गौतम अडाणी ने एक बयान में FPO में निवेश करने वाले इन्वेस्टर्स का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते स्टॉक में हुए उतार-चढ़ाव के बावजूद कंपनी के बिजनेस और उसके मैंनेजमेंट में आपका भरोसा रहा, यह उनके लिए आश्वासन देने वाला है। अडाणी ने कहा कि वह नहीं चाहते कि निवेशकों का नुकसान हो।
क्यों किया है वापस ये एफपीओ
अडाणी समूह ने बुधवार की रात अंग्रेजी में प्रेस रिलीज जारी कर इस फैसले की जानकारी दी। उसके मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-
- अडाणी इंटरप्राइजेज ने 1 फरवरी को हुई बोर्ड मीटिंग में फैसला लिया है कि हम FPO को आगे नहीं ले जाएंगे
- हमने हालात और स्टॉक में उतार-चढ़ाव को देखते हुए फैसला लिया है कि ग्राहकों के हित में FPO के साथ आगे नहीं बढ़ा जाएगा और लेन-देन पूरी तरह से वापस लिया जाएगा
- हम इन्वेस्टर्स को FPO में शामिल होने के लिए धन्यवाद देते हैं, स्टॉक अस्थिर होने के बावजूद इस कंपनी, हमारे बिजनेस और हमारे मैनेजमेंट में आपके भरोसे और विश्वास के लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं
- हमारे इन्वेस्टर्स का हित सबसे आगे है, भविष्य में होने वाले किसी फाइनेंशियल लॉस से उन्हें बचाने के लिए बोर्ड ने तय किया है कि इस FPO के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे
- अडाणी ने यह भी कहा कि उनकी बैलेंस शीट इस समय बहुत मजबूत है, उनका कैश फ्लो और एसेट सिक्योर है, साथ ही कर्ज चुकाने का उनका रिकॉर्ड सही रहा है
इस फैसले से भविष्य पर कोई असर नहीं
अडाणी ने कहा कि इस फैसले से उनके मौजूदा ऑपरेशंस और भविष्य की हमारी योजनाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बहुत लंबे समय के विकास और ग्रोथ क्रिएशन पर वे फोकस रखना जारी रखेंगे और उनका विकास आंतरिक बढ़ोतरी के हिसाब से मैनेज की जाएगी। अडाणी ने भरोसा दिया कि बाजार के स्थिर होते ही वे अपनी कैपिटल मार्केट स्ट्रेटजी का रिव्यू करेंगे।
अडाणी का क्या होगा?
कोई भी कंपनी जब अपना विस्तार करना चाहती है, तो वह IPO या FPO का इस्तेमाल करती हैं। इनीशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO के जरिए कंपनी पहली बार बाजार में अपने शेयर्स उतारती है। जबकि FPO में अतिरिक्त शेयर्स को बाजार में लाया जाता है। अडाणी ने यही किया था, लेकिन पूरी तरह बिकने के बावजूद अडाणी ने इसे वापस ले लिया। पहले इसके कारण को समझते हैं-
- अडाणी के सामने सबसे बड़ा संकट इस समय साख यानी भरोसे का है। वह इसे वापस पाने के लिए ही यह कर रहे हैं।
- इस एफपीओ में रिटेलर्स ने नहीं बल्कि बड़े इनवेस्टर्स (DII यानी डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स) यानी कॉरपोरेट्स ने लिया है। इसलिए, बाजार के उतार-चढ़ाव का उन पर असर होगा ही।
- अडाणी फिलहाल बाजार के उतार-चढ़ाव पर नजर रख रहे हैं और वह किसी भी हालत में अपने निवेशकों को यह भरोसा देना चाह रहे हैं कि वह उनके पैसे डूबने नहीं देंगे।
- फिलहाल, हालात पर अडाणी नजर रखेंगे। सरकार भी उनको बचाने की कोशिश करेगी, क्योंकि एलआईसी का बहुत सारा पैसा उसमें लगा है। सरकारी बैंकों ने बहुत सारा पैसा कर्ज के तौर पर उनको दे रखा है।
फिलहाल तो एक निवेशक के लिए यह मुश्किल घड़ी है। बाजार आज खुलने के साथ कैसी प्रतिक्रिया देगा, इस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। बजट के बेहतर होने के बावजूद कल यानी बुधवार 2 फरवरी को बाजार धीमा ही रहा, उसने वैसी उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं दी। अडाणी के पिटने या बर्बाद होने से तो भारत के कॉरपोरेट जगत को धक्का लगेगा ही।