पटना। राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी सियासी तूफान में घिर गए हैं। उन्होंने अपने बेटा-बेटी को विदेश में नौकरी करने और मिलने पर उस देश की नागरिकता लेने की सलाह दी थी। यह सलाह हालांकि उन्होंने पांच दिन पहले दी थी, लेकिन सियासी उबाल अभी आय़ा है। उन्होंने कहा था कि मुल्क के हालात ऐसे नहीं कि उनके बेटे-बेटी आ सकें। इसके बाद भाजपा और विरोधी दलों ने इस मसले पर सिद्दीकी और उनकी पार्टी को घेरा है।
- आरजेडी के वरिष्ठ नेता हैं सिद्दीकी
- लालू के बहुत खास रहे हैं
- मुल्क में मुसलमानों के लिए माहौल सही नहीं, ऐसा कहा
- इस बयान पर मचा है बवाल
जानिए, पूरा मामला क्या है
पांच दिन पहले विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के सम्मान में एक ऊर्दू दैनिक की ओर से सम्मान समारोह का आयोजन हुआ था। उसी में देश की हालत और रोजगार की कमी की चर्चा के दौरान सिद्दीकी ने अपनी संतानों को विदेश में नौकरी करने और नागरिकता तक हासिल करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि मुल्क के हालात ऐसे नहीं कि उनकी संतानें सामना कर सकें और इसीलिए उन्होंने उनको यह सलाह दी है। हालांकि, बाद में उन्होंने ये भी कहा कि उनके बेटे ने ही इस बयान का विरोध किया। सिद्दीकी का बेटा हार्वर्ड में और बेटी लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में पढ़ रही है।
सिद्दीकी ने दी सफाई
हालांकि, अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि बच्चों को ऐसी सलाह देने में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा और उस जैसे दलों से उनको कोई राय लेनी की जरूरत नहीं है। अगर कोई सर्वेक्षण हो तो पता चले कि तथाकथित देश भक्तों के कितने बाल-बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं। नौकरी कर रहे हैं और नागरिक भी हैं। सिद्दीकी ने कहा कि वह सहज भाव से अपनी बात कह रहे थे। किसी ने विरोध नहीं किया।