आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले और मनी लॉंंड्रिंग की जांच की आंच पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येन्द्र जैन ओर सांसद संजय सिंह से होते हुए अब सीएम केजरीवाल तक पहुंच गई है। ईडी ने पूछताछ के लिए दो नवंबर को तलब किया था। इसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह नोटिस राजनीति से प्रेरित है। इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता स्वयं केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका जता रहे हैं।
- केजरीवाल के बाद किसका नंबर
- आप को केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका
- गिरफ्तार हुए केजरीवाल तो कौन बनेगा दिल्ली का नया सीएम
- आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने जताई गिरफ्तारी की आशंका
- आप में केजरीवाल के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू
- मोदी सरकार पर AAP को खत्म करने का आरोप
- क्या केजरीवाल होंगे गिरफ्तार
- क्या खत्म हो जाएगा आप का अस्तित्व
- क्या आप को मिलेगा विपक्षी गठबंधन का साथ
AAP नेताओं की ओर से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका जतायी जा रही है। यह आशंका तब भी जताई गयी थी जब अप्रैल 2023 में अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया था। उस समय केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए आप के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने पार्टी दफ्तर में आपात बैठक तक भी बुला ली थी। जिसमें गिरफ्तार किये जाने की सूरत में पार्टी के एक्शन प्लान पर मंथन किया गया।
इस बार फिर आम आदमी पार्टी की आतिशी और सौरभ भारद्वाज के साथ गोपाल राय, दिलीप पांडेय और संदीप पाठक का कहना है कि उनकी पार्टी को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना चाहती है।
इससे पहले स्वयं अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ईडी ने यह नोटिस उनके इशारे पर दिया गया है। जिससे विधानसभा चुनावों में वे प्रचार न कर सकें। ईडी को यह नोटिस को तुरंत वापस लेना चाहिए। इस सबके बीच सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी की चर्चाओं से दिल्ली की सियासत गर्मा गई है। सियासी चर्चाओं में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं कि इससे दिल्ली की आप सरकार पर कोई खतरा होगा। सरकार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की ही रहेगी। लेकिन सवाल सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी का है। हालांकि यही माना जा रहा है कि ईडी सीएम मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं करेगी। लेकिन ऐसा होने की सूरत में भी किसी दूसरे नेता को तुरंत मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। इसके लिए पार्टी अदालती कार्यवाही का रुख कर सकती है। जिस तरह दावे के साथ केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेता पूरे घटनाक्रम को साजिश करार दे रहे हैं। माना जा रहा है कि अदालत से केजरीवाल को राहत मिल जाए, लेकिन अगर मामला इसके उलट जाता है तो कानूनी प्रावधानों के हिसाब से फैसला लिया जाएगा।