नई दिल्ली। अभी हाल ही में केरल में एक ट्रांस जोड़े ने बच्चे पैदा करने की न्यूज शेयर की। इसमें खास बात यह थी कि मां वह औरत बनी, जिसने खुद का जेंडर चेंज करवाकर पुरुष बनना चुना। यानी, वह महिला के शरीर में कैद एक पुरुष था। ऑपरेशन के दौरान उसके स्तन तो हटाए गए, लेकिन गर्भाशय वगैरह अभी नहीं हटे थे और इसीलिए उसका मां बनना संभव हुआ। अब विज्ञान ने एक औऱ छलांग लगाई है-
- क्या हम किसी ‘ब्रेन डेड’ महिला के शरीर के जरिए बच्चे पैदा कर सकते हैं? विज्ञान फिलहाल इस सवाल से जूझ रहा है।
- पहली नजर में ये नामुमकिन लगता है, जितना भी मेडिकल साइंस ने बताया है उसके मुताबिक, ब्रेन डेड होना माने मौत से ठीक पहले की स्थिति
- अब एक नया रिसर्च जरनल प्रकाशित हुआ है, जिसे दुनिया की एक जानी-मानी प्रोफेसर एना समेडोर ने लिखा है
- इसके मुताबिक, आने वाले दिनों में ‘ब्रेन डेड फीमेल’ को सरोगेसी में बदलने की तैयारी की जाएगी और इस कॉन्सेप्ट का नाम है होल बॉडी जेस्टेशनल डोनेशन
- गर्भ को डोनेट करने का बिल्कुल वैसा ही तरीका होगा जैसे आज लोग अपने ऑर्गन (लिवर, किडनी, हार्ट इत्यादि) डोनेट करते हैं, कोई भी महिला अपने जीवित रहते हुए ये कंसेंट साइन कर सकती है कि किसी भी सिचुएशन में अगर वो ब्रेन डेड हो जाती है, तो उसके गर्भाशय का इस्तेमाल बच्चे पैदा करने के लिए किया जा सकता है
यह विज्ञान की एक बड़ी छलांग होगी
एन्ना समेडोर नॉर्वे में पढ़ाती हैं। वह यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो की डायरेक्टर ऑफ फिलोसोफी हैं। वह एक बायोएथिसिस्ट भी हैं और इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन से इन्होंने मेडिकल एथिक्स में PhD की है। गर्भावस्था से जुड़ा उनका ये ताजा रिसर्च पेपर थियोरिटकल मेडिसिन एंड बायोटिक्स जर्नल में निकला है।
- कुल 12 पेज का रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ है, जिसमें हर एक सवाल का जवाब ढू़ंढने की कोशिश हुई है, हालांकि अभी ये सिर्फ एक आइडिया के तौर पर पेश किया गया है और इस पर दुनियाभर के डॉक्टर रिसर्च कर रहे हैं
बिना संतान के लोग उठा सकेंगे फायदा
वैसे माता-पिता जो बच्चा तो चाहते हैं लेकिन विभन्न कारणों से बच्चे पैदा नहीं कर पाते. ऐसे लोगों के लिए ये तकनीक एक उम्मीद बनकर उभरेगी। आज के समय में ऐसे लोगों के सामने IVF, सरोगेसी या फिर गोद लेने जैसे विकल्प ही बचते हैं। ऐसे में प्रोफेसर एन्ना समेडोर (Anna Smajdor) की यह थियरी काफी कमाल की है। इसके मुताबिक वैसे मां-बाप जो बच्चा चाहते हैं लेकिन किसी भी कारण से बच्चे पैदा नहीं कर पा रहे हैं, वो बच्चों का सपना पूरा करने के लिए डॉक्टरों द्वारा ब्रेन डेड करार दी गई फीमेल बॉडी को हायर कर सकेंगे।
कानूनी पक्ष क्या है और कैसे होगा काम?
एन्ना समेडोर ने कहा है कि दुनिया में काफी सारे लोग मेडिकल रिसर्च के लिए अपने ऑर्गन डोनेट करते हैं। सरोगेसी के लिए भी महिलाएं अपनी कोख किराए पर देती हैं, इसके अलावा महिलाएं अपने जीवित रहते ही इस काम के लिए कंसेंट दे सकती हैं, यानी किसी दुर्घटना में अगर वह किसी भी वजह से ब्रेन डेड हो जाती हैं तो इस हालत में बच्चे पैदा कर सकें।
यह चूंकि अभी सिद्धांत रूप में ही है, लेकिन फिर भी इस पर बहस शुरू हो गयी है। पहली बात तो यही होगी कि क्या लाश की मदद से बच्चे पैदा करना लोग स्वीकार पाएंगे, दूजे क्या इस तरह के मामलों के लिए कानूनी अड़चनें कैसे खत्म की जाएंगी और तीसरे इस मामले में क्या इतनी जल्द इतना विकास हो पाएगा कि यह सिद्धांत से व्यवहार बन सके।