पिछले कई दिनों से मणिपुर में हो रही हिंसा का अब जल्द सच सामने आ जाएगा। इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान कर दिया है। शाह ने हिंसा में मारे गए निर्दोष लोगों के परिजनों को दस दस लाख रुपए की राहत राशि देने का ऐलान भी किया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मृतकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।
जांच आयोग का किया गठन
मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। सरकार चाहती है कि यहां हर हाल में शांति स्थाति हो। इसके लिए खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने अपने दौरे के अंतिम दिन मणिपुर हिंसा की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता वाला एक न्यायिक आयोग हिंसा की जांच करेगा। पता लगाया जाएगा कि इस हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है। भारत सरकार यह जांच करवाएगी। उन्होंने कहा कि मणिपुर की राज्यपाल की अध्यक्षता में शांति समिति बनाई गई है जिसमें कारोबारी, खिलाड़ी, राजनीतिक दलों के प्तिनिधि, सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि शामिल हैं। ये राज्य में शांति बहाल करने के लिए काम करेंगे। साथ ही सीबीआई भी इस मामले को खंगालेगी। जिससे मणिपुर हिंसा का सच सामने आएगा।
अब तक 80 लोगों की जान गई
बीती 3 मई से मणिपुर में हो रही हिंसा में अब तक 80 लोगों के मारे जाने की खबर है। शाह ने कहा कि मृतकों के परिवार के साथ सरकार पूरी सहानुभूति रखती है। उनके परिजनों को दस दस लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। जिसमें पांच लाख रुपए केंद्र और पांच लाख राज्य सरकार की तरफ से राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य को 30 हजार मीट्रिक टन चावल दिया जाएगा। इसके अलावा डॉक्टरों की आठ टीमें भेजी जाएंगी जो कि मोरेह, चुराचांदपुर और कांगपोकपी इलाकों में काम करेंगी। तीन टीमें पहले ही पहुंच चुकी हैं और बाकी आने वाली हैं। इसके अलावा राज्य में 15 पेट्रोल पंप ऐसे रहेंगे जो कि 24 घंटे सेवा देंगे। ट्रेनों से सप्लाई तेज करने के लिए अस्थाई प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे।
आधा दर्जन मामलों की जांच सीबीआई करेगी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 6 मामलों की जांच सीबीआई करेगी। अब तक पांच प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। मणिपुर के लोगों को भरोसा दिलाते हुए शाह ने कहा कि मैं मणिपुर के लोगों को आश्वासन देना चाहता हूं कि बिना किसी पक्षपात के जांच की जाएगी और हिंसा के पीछे की असली वजह पता की जाएगी। जो लोग भी जिम्मेदार होंगे उनपर कड़ी कार्रवाई होगी ताकि भविष्य में इस तरह की हिंसा ना हो।