मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां बार बार हो रही झड़पों ने आम लोगों के साथ साथ सरकार को भी चिंता में डाल दिया है। अमन और शांति के लिए केंद्रीय गृहमंत्री ने मणिपुर जाने का फैसला लिया है। वे 29 मई से 1 जून तक मणिपुर में रहेंगे और लोगों बातचीत करके शांति बहाल कराने की कोशिश करेंगे। इससे पहले शाह ने गुवाहाटी में मणिपुर हिंसा पर बड़ा बयान दिया है। जिसमें उन्होने हिंसा के पीछे के कारणों का भी जिक्र किया है।
ये रहे हिंसा के पीछे के कारण
आपको बता दें कि पिछली 3 मई को मैतई समुदाय की एसटी मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर की ओर से निकाले गए एकता मार्च के बाद हिंसा भड़क गई थी। जिसमें खास बात ये थी उसी मौके पर राज्य का कुकी बाहुल इलाकों में भी मणिपुर सरकार खिलाफ तनाव बढ़ने लगा था। जिसके चलते हिंसा में यहां अब तक करीब 75 लोगों की जाने चली गईं थीं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा,’केंद्र यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य में हुई झड़पों में पीड़ित सभी लोगों को न्याय मिले,लेकिन लोगों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए बातचीत करनी चाहिए। मणिपुर में मेरी सभी भाइयों और बहनों से अपील है कि 6 सालों से हम आगे बढ़ रहे हैं। एक बार भी बंद नहीं हुआ, कोई ब्लॉक नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार की यह नीति है कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा।’
अदालती जजमेंट को बताया जिम्मेदार
गुवाहाटी पहुंचे शाह ने कहा,’मणिपुर में एक अदालत के जजमेंट के कारण कुछ झड़प हुई हैं।’ अदालत के एक आदेश के कारण हुए मतभेद को हम बातचीत और शांति से सुलझा लेंगे। ‘मणिपुर हिंसा का जिम्मेदार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाईकोर्ट के एक आदेश को बता दिया है। खास बात है कि वह पूर्वोत्तर राज्य में हुई हिंसा पर पहली बार सार्वजनिक तौर पर बोल रहे थे। उन्होंने जनता से शांति की अपील की है और राज्य के दौरे का निर्णय लिया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश को गलत बता चुका है। दरअसल, हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति यानी एसटी दर्जा देने के लिए राज्य सरकार से सिफारिश दाखिल करने के लिए कहा था।