ज्येष्ठ माह हिंदु कैलेंडर का अहम महीना होता है. इस महीने में बजरंगबली की पूजा की जाती है. दान पुण्य के मामले में तो यह महीना बेहद अहम माना जाता है. हालांकि ज्येष्ठ का यह पवित्र महीना आधे से ज्यादा गुजर चुका है और इसके समापन में ज्यादा समय नहीं बचा है. लेकिन आप इन बचे हुए दिनों में एक महत्वपूर्ण चीज का दान कर मनाचाहा फल प्राप्त कर सकते है. जी हां हम बात कर रहे है जल के दान की. 25 मई से नौतपा भी शुरू होने वाला है , ऐसे में आप जल का दान कर पुण्य पा सकते हैं. शास्त्रों में भी जल के दान का बहुत अधिक महत्व बताया गया है. चलिए आपको ज्येष्ठ माह में जल दान के लाभ बताते हैं.
जल दान के फायदे
1. भरा रहता है घर का अन्न भंडार
ज्येष्ठ माह गरमी की शुरूआत को बताता है. इस माह में बहुत गरमी पड़ती है, जिससे पानी के स्त्रोत सूख जाते हैं. इन पानी के स्त्रोतों के सूख जाने के कारण ही ज्येष्ठ के माह में जल का दान का महत्व रहता है. इस माह में जल की बर्बादी नहीं करनी चाहिए. अगर आप जल की बर्बादी नहीं करते है तो आपके घर अन्न का भंडार भरा रहता हैं.
2. होती है तरक्की
ज्येष्ठ माह के बचे हुए दिनों में पशु- पक्षियों को पानी पीने की व्यवस्था करें. पशु -पक्षियों को पानी पिलाने से आपके जीवन की सारी बाधाओं का नाश हो जाता है, आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आपको अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है.
3. दरिद्रता रहती है दूर
ज्येष्ठ माह के बचे हुए दिनों में प्यासों को जितना हो सके ,उतना पानी पिलाएं, प्याऊ लगवाएं. पुराणों और शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति ज्येष्ठ माह में जल सेवा करता है, उसे कभी दरिद्रता का मुंह नहीं देखना पड़ता है. दरिद्रता उसके घर से दूरी बनाएं रखती हैं
4. माता लक्ष्मी की बनी रहती है कृपा
ज्येष्ठ माह में जल दान और जल सेवा करने वाले लोगों पर माता लक्ष्मी सदैव अपनी कृपा बनाएं रखती है. इन लोगों को धन की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है. साथ ही जल दान करने से आपके पितृों की आत्मा को भी शांति मिलती है और वे आपको आशीर्वाद देते हैं.
5. बनेंगे सौभाग्यशाली
ज्येष्ठ का महीना 4 जून को खत्म हो जाएगा, इसलिए जितने दिन बचे है उनमें पेड़ – पौधों को सींचे और उन्हें गरमी से बचाने का प्रयास करें. इससे आप सौभाग्यशाली बनेंगे. आपका भाग्य उदय होगा, आपके रूके हुए काम बन जाएंगे. घर की दिक्कतें भी खत्म हो जाएगी.