बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह की मुसीबतें पीछा नहीं छोड़ रही है। एक आइएएस की हत्या में दोषी पाए गए आनंद मोहन को अजीवन कैद हुई थी,लेकिन राज्य की नीतीश सरकार ने नियमों में बदलाव करके उन्हे जेल से रिहा करवा दिया है। ऐसे में कई राजनैतिक दलों ने इस रिहाई पर सवाल उठाए है।
. रिहाई के खिलाफ कोर्ट पहुंचे भाजपा के नेता
. मंच भी शेयर करने से बच रहे हैं कई नेता
. आनंद मोहन के मामले में बिहार में हो रही राजनीति
. बाहुबली नेता के विरोध में कई दल
. आनंद मोहन सिंह की बढ़ सकती हैं दिक्कतें
आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ मामला कोर्ट में चल रहा है। उधर आए दिन राजनैतिक दल लगातार रिहाई पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे ही सवालों के बीच एक और वकील की इस मामले में इंट्री होने से कई तरह की शंकाए व्यक्त की जाने लगीं है। बताया जा रहा है इससे आनंद मोहन सिंह की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
कोर्ट में पेश हुए वकील अल्फोंस
आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बीती 8 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट में दिवंगत तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई चल रही थी। तभी पूर्व केंद्रीय मंत्री और वकील अल्फोंस ने कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने बताया कि मैं बिहार के इस रिहाई वाले मामले में बहुत ज्यादा आहत हूं। मैं चाहता हूं कि कोर्ट मुझे पार्टी बनाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अगली तारीख पर सुनवाई में सहयोग करने की अनुमति दे दी। बता दें कि अल्फोंस केरल हाईकोर्ट से लेकर शीर्षस्थ न्यायालय तक मुकद्दमें लड़ चुके हैं।
कौन हैं अल्फोंस
बता दें कि केजे अल्फोंस पेशे से वकील है और भाजपा के वरिष्ठ नेता भी है।वे नरेंद्र मोदी की पहली कैबिनेट में पर्यटन मंत्री रहे हैं। इससे पहले वे एक आइएएस अधिकारी थे और
दिल्ली में दिल्ली विकास प्राधिकरण के आयुक्त रहे हैं इस दौरान वे काफी चर्चित हुए थे। उन्होंने 10 हजार करोड़ की सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से न केवल मुक्त कराया बल्कि 14 हजार से अधिक अवैध मकानों को गिराने का आदेश भी दिया था। वर्ष 2006 में अपने पद से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा था। वाम पंथी दलों के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ा और पहली बार जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 2011 में विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए और 2019 में भाजपा के टिकट पर एर्नाकुलम सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और तीसरे नंबर पर रहे।
अब मंच भी शेयर नहीं कर रहे भाजपा नेता
कभी भाजपा के कुछ नेता बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह की रिहाई की मांग कर रहे थे। अब उनके दूरी बना रहे है। उनके साथ मंच शेयर करने से भी भाजपा नेता बचते दिखाई दे रहे हैं। इसकी बानगी अररिया के एक कार्यक्रम में देखी गई। जहां आनंद मोहन जेल से रिहा होकर पहली बार एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां आनंद मोहन को देखकर भाजपा के सांसद और विधायक मंच के नीचे से चले गए।