राजस्थान में करीब सात महीने बाद विधानसभा चुनाव होना हैं। ऐसे राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। बता दें पायलट ने पिछले दिनों स्वीकर जोशी के बंगले पर पहुंचकर उनसे से लंबी चर्चा की थी। इतना ही नहीं पायलट के जाने के बाद स्पीकर जोशी से कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी मुलाकात की।
- करीब सात महीने बाद हैं विधानसभा चुनाव
- चर्चा में सचिन पायलट की स्पीकर जोशी से मुलाकात
- सीपी जोशी और पायलट की मुलाकात के कई मायने
- पायलट के बाद रंधावा ने भी की थी मुलाकात
बता दें विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की शनिवार को शादी की वर्षगांठ थी। इस मौके पर पहले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सीपी जोशी के घर पहुंचकर उन्हें बधाई दी और उनसे सियासी और कांग्रेस के हालातों को लेकर मंत्रणा की। स्पीकर जोशी से मुलाकात के बाद पायलट ने नेताओं को धरातल पर उतरकर पार्टी के लिए काम करने और खुद के सुझावों पर अमल करने की बात कही।
कार्यकर्ताओं की भावना समझे पायलट
सचिन पायलट ने कहा एआईसीसी के प्रतिनिधि और संगठन के कार्यकर्ता धरातल पर जाएं। कार्यकर्ताओं की भावना समझें। उन्होंने स्वयं भी एआईसीसी में सुझाव दिए हैं। सचिन ने कहा उन्हें लगता है उस पर अमल करना चाहिए। वहीं सह प्रभारियों की नियुक्ति पर सचिव पायलट ने कहा- समय-समय पर संगठन में बदलाव होते रहते हैं। चुनाव छह महीने दूर है। इसलिए लोगों को जिम्मेदारियां दी गई हैं। इसका अच्छा संकेत जाएगा।
रंधावा क्यों बोले जोशी को राजनीति का इनसाइक्लोपीडिया
वहीं रंधावा ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को राजनीति का इनसाइक्लोपीडिया बताते हुए कहा वो बहुत तजुर्बेकार नेता हैं। उनके प्रभारी रह चुके हैं। उनसे पुराना रिश्ता है। सीपी जोशी कांग्रेस को बेहतर तरीके से समझते हैं। प्रभारी ने इसके साथ ही सचिन पायलट के तमाम आरोपों और कार्यवाई की मांग पर बड़ा बयान दिया। सियासी बयान से प्रभारी ने नई चर्चा छेड़ दी है। कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि कोरोना से पहले जो बगावत हुई थी उन पास्ट की बातों पर अब नहीं चलना चाहे। वे अब फ्यूचर की बात कर रहे हैं। कांग्रेस को अब फ्यूचर के बारे में सोचना चाहिए। जो पास्ट है उससे सबको सबक लेना चाहिए।