महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने राज्य के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों में शामिल शिरडी के साईं मंदिर की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपे जाने का फैसला लिया है। जिसका विरोध भी शुरु हो गया है। ये विरोध मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोग कर रहे हैं। जिन्होंने अपनी नाराजगी जताने के लिए शिरडी में 1 मई से बंद का आह्वान किया है।
- CISF को सौंपी साईं मंदिर की सुरक्षा
- एकनाथ शिंदे सरकार का बढ़ा फैसला
- मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोग नाराज
- 1 मई से बेमियादी बंद का आव्हान
- 1 मई से बंद रहेगा शिरडी शहर
CISF से श्रद्धालुओं को होगी परेशानी!
ये बंद बेमियादी होगा। यानी शिर्डी शहर 1 मई से अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगा। विरोध कर रहे मंदिर प्रशासन का कहना है मंदिर की सुरक्षा CISF को सौंपे जाने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी होगी। ऐसे में मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों ने पिछले दिनों मीटिंग कर 1 मई से शिरडी शहर को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का ऐलान किया है। बता दें कि शिरडी का सांई मंदिर देश-दुनिया के करोड़ों लोगों की
आस्था का केन्द्र है।
चर्चा में रहता है मंदिर का चढ़ावा
साईं का सबसे प्रसिद्ध मंदिर शिरडी वाला ही माना जाता है। सांई के इस मंदिर में श्रद्धालु खूब दान भी करते हैं। इस मंदिर में आने वाला दान अक्सर चर्चा का विषय बना रहता है। ऐसे में 1 मई से शिरडी के साईं मंदिर को बंद करने घोषणा श्रद्धालुओं को हैरानी में डालने वाली है।
CISF 2018 से कर रही शिरडी एयरपोर्ट की सुरक्षा
बता दें साल 2018 में भी CISF ने शिर्डी एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा संभाला था। अब सरकार ने मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी CISF को सौंप दी है। CISF की तैनाती मेट्रो स्टेशन, एयरपोर्ट और मंदिर के आसपास सुरक्षा बढ़ाने के लिए की गई है। लेकिन इस फैसले से मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोग खुश नहीं हैं। मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। शिरडी शहर का शहर को साईं बाबा का घर कहा जाता है। मान्यता है कि शिर्डी में साईं बाबा 19वीं शताब्दी में आए थे। उन्होंने यहां 60 से ज्यादा साल तक का समय गुजारा था। लोग आज इस मंदिर में इसकी आध्यात्मिकता, सुंदरता और शांति के लिए जाते हैं।