उमेशपाल हत्याकांड की आरोपी और माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता को लेकर पुलिस दो महिने से परेशान है। यूपी एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस लगातार छापे मार रही है लोगों से पूछतांछ कर रही है लेकिन उसका कही कोई ठिया ठिकाना नहीं मिल रहा है। कुल मिलाकर पुलिस के हाथ खाली है। अब रिपोर्टस आ रही हैं कि शाइस्ता को जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। उससे जुड़े कई ऐसे तार मिले हैं जिनके आधार पर पुलिस शाइस्ता तक पहुंच सकती है।
. शाइस्ता के मददगारों की सूची तैयार
. कई शहरों को किया चिन्हित
. शाइस्ता से जुड़े मामले का होगा खुलासा
. रिश्तेदार और परिजनों पर नजर
. गिरोह के सात सदस्यों में से तीन हो चुके ढेर
पुलिस ने शाइस्ता के गिरफ्तारी के लिए 50 हजार का इनाम रखा। इसके बाद भी कहीं कोई सुराग नहीं मिला। कई जगह दबिश दी गई। उसकी लोकेशन सर्च की गई,इसके बाद भी पुलिस के हाथ खाली रहे। कारण ये है कि शाइस्ता को ऐसे कई मददगार मिल गए जिसके संरक्षण में वो न केवल छुपी रही बल्कि पुलिस से नजर बचाने में उसे कामयाबी मिलती रही। लेकिन अब स्थिति बदल रही है। उसके गिरोह के कुल सात सदस्यों में से तीन का एनकाउंटर हो चुका है। मरने वालों में मोहम्मद गुलाम,अरबाज और उस्मान शामिल है। जबकि फरारी में गुड्डू मुस्लिम,साबिर,अरमान और सदाकत शामिल हैं।
शाइस्ता पर चार प्रकरण दर्ज
एसटीएफ के मुताबिक अतीक की गैंग चलाने वाली शाइस्ता पर 2009 में चार प्रकरण दर्ज किए गए थे। जिसमें तीन धोखाधड़ी के शामिल हैं। चौथा प्रकरण दो माह पहले उमेश पाल हत्याकांड को लेकर दर्ज हुआ है। शाइस्ता के दो भाई हैं जिसमें से जकी अहमद लखनऊ जेल में है और दूसरा सबी मदरसे में पढ़ाता है। पिता हारुन यूपी पुलिस का मुख्य आरक्षी है।
शाइस्ता से किसने किया संपर्क
आशंका यह भी जताई जा रही है कि फरार शूटर गुड्डू मुस्लिम और साबिर ने शाइस्ता संपर्क किया होगा। पुख्ता जानकारी नहीं मिलने का एक कारण यह भी है कि शाइस्ता ने अतीक की मौत के बाद अपना मोबाइल बदल लिया है। जिसके चलते आसानी से सुराग नहीं मिल पा रहा है। पुलिस को आशंका है कि शाइस्ता के छिपने के ठिकाने पश्चिम बंगाल के अलावा कौशांबी,मेरठ,ग्रेटर नोएडा,मुंबई और दिल्ली हो सकते हैं। लेकिन सूत्रों के मुताबिक जो जानकारियां आ रहीं है उसमें यही माना जा रहा है कि शाइस्ता प्रयागराज या उसकी के आसपास कहीं छिपी हुई है। क्योंकि उसके कई रिश्तेदार और परिजन प्रयागराज के आसपास ज्यादा हैं। शाइस्ता के करीबी मोहम्मद अहमद उर्फ मुन्ने वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में एसआई के पद पर पदस्थ हैं। बताया जा रहा है कि शाइस्ता अक्सर लखनऊ जाती थी जहां उसके रिश्तेदार अहमद तैनात थे।
पुलिस ने करीबियों को किया चिन्हित
शाइस्ता की तलाश में पुलिस और एसटीएफ दर दल भटक रही है। इसी तलाशी के चलते शाइस्ता के करीब दो दर्जन करीबियों की सूची तैयार की गई है। इसमें सात वकीलों के अलावा आर्थिक मदद करने वाले शामिल हैं। पुलिस इन सभी सहयोगियों पर पैनी नजर रखे हुए है। इसमें प्रयागराज का सुधांशु त्रिपाठी उर्फ बल्ली पंडित, मोहम्मद नफीस, इरशाद उर्फ सोनू,अरशद,सुल्तान अली,बांदा का जफर अहमद खां, डॉ.शैला,असाद,नूर, मोहम्मद मुस्लिम,मोहम्मद राशिद उर्फ नीलू,आवेज अहमद,अशरफ का साला सद्दाम, कासिम, मेरठ निवासी ननद आयशा नूरी, मोहम्मद अनस, आसिफ उर्फ मल्ली,मोहम्मद मुस्लिम,असलम मंत्री व खालिद जफर शामिल हैं।