कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी मौसम के साथ बढ़ती जा रही है। मतदान की घड़ी दिन प्रतिदिन करीब आ रही है। यहां कर्नाटक में एक चरण में 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को नतीजे सामने आएंगे। चुनाव से चहले हर पार्टी सत्ता के लिए अपना-अपना दावा कर रही है। बीजेपी का दावा है कि उसे फिर से सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता। वहीं कांग्रेस का दावा है कि उसे 150 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। जबकि देवेगौड़ा की जेडीएस भी चुनाव को लेकर दावे कर रही है। लेकिन हाल ही में हुए एक चुनावी सर्वे की रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़ों का खुलासा हुआ है। इस सर्वे के जरिए जनता के मिजाज और मतदाताओं के रुझान की जानकारी ली गई। सर्वे में पता चला कि पार्टियों के दावे लोगों के मिजाज से कहां तक मेल खाते हैं।
- 10 मई को होना है एक चरण में मतदान
- चुनाव से पहले अपने अपने दावे और वादे
- सर्वे में दोनों पार्टियां एक दूसरे पर भारी
- कहीं बीजेपी तो कहीं कांग्रेस पर लोगों को भरोसा
एक सर्वे में में सामने आया कि पुराने मैसूर क्षेत्र की 55 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के खाते में 4 से 8 सीट जा सकती हैं। यहां कांग्रेस को 21 से 25 सीट हासिल करने में सफल हो सकती है। उधर कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र की 50 विधानसभा सीट में से बीजेपी के खाते में 21 से 25 और कांग्रेस को 25 से 29 सीट हासिल हो सकती हैं। यहां जेडीएस को महज एक सीट मिलने की उम्मीद है। वहीं तटीय कर्नाटक में चुनाव की बात की जाए तो तटीय क्षेत्र की करीब 21 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 16 से 20 सीट हासिल करने की ओर बढ़ सकती है। जबकि कांग्रेस को 1 से 5 सीटें मिलने का अनुमान है।
कलाना में कांग्रेस को बढ़ते के आसार
इसी तरह कलाना कर्नाटक की 31 सीटों में से बीजेपी को 11 से 15, कांग्रेस को 16 से 20 सीटें मिल सकती हैं। जेडीएस को 1 सीट मिल सकती है। मध्य कर्नाटक की 35 सीटों की बात करें तो यहां बीजेपी को 13 से 17 सीटें मिलने का अनुमान है। तो कांग्रेस को 18 से 22 सीटें और जेडीएस को 1 सीट मिल सकती है। प्रदेश की राजधानी में कांग्रेस का जनाधार बढ़ता नजर आ रहा है। बीजेपी को बेंगलुरु की 32 में से 7 से 11 सीटें मिलने की संभावना है। लिहाजा कांग्रेस को 18 से 22 सीटें मिलने की संभावना है। जबकि जेडीएस को 1 से 5 सीटें मिलने का अनुमान है।
40 फीसदी मतदाता को डबल इंजन सरकार पर भरोसा नहीं
सर्वे में लोगों से पूछा गया कि विधानसभा चुनाव में आप किस पार्टी को वोट देना चाहते हैं? लोगों से यह भी पता चला कि क्या डबल इंजन की सरकार प्रदेश के लिए फायदेमंद है? इसके जवाब में 38.7% लोगों ने हां में जवाब दिया। जबकि 40.6% लोगों ने ना में जवाब दिया। 20.7% लोगों का कहना है कि वे फिलहाल इस मामले में कुछ नहीं कह सकते है। राज्य में बीजेपी ने जिस तरह से अपनी सरकार चलाई, उसे आप कैसे देखते हैं? इस सवाल के बाद सर्वे के दौरान पूछा गया कि क्या कांग्रेस ने कई मुफ्त योजनाओं की घोषणा की है। क्या उसके वोट बढ़ने की संभावना है।
हिजाब विवाद बेअसर
कर्नाटक के उडुपी में हिजाब विवाद का चुनाव पर कोई असर पड़ा है। मतदान 10 मई को होना है, लेकिन किसी भी राजनीतिक दल ने इस मुद्दे पर विशेष रूप से चर्चा नहीं की है। हालांकि बीजेपी ने उडुपी में हिजाब का विरोध कर रहे यशपाल सुवर्णा पर दांव लगाया। उडुपी के एक सरकारी स्कूल में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में बैठने के बाद शुरू हुआ विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी कर कक्षाओं में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया और उन्हें निर्धारित स्कूल ड्रेस पहनने को कहा। माना जा रहा था कि कर्नाटक चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा होगा। उडुपी में मौजूदा बीजेपी विधायक रघुपति भट की जगह लेने का मौका पाने वाली सुवर्णा का कहना है कि यह विवाद देश विरोधी और असामाजिक तत्वों ने पैदा किया था. ये लोग नहीं चाहते कि मुस्लिम लड़कियां पढ़ें। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उडुपी जिले की 13 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी।