प्रयागराज में हुऐ अतीक अहमद और अशरफ हत्या कांड को लेकर तमाम विरोधी दल के नेताओं ने सवाल खड़े करना शुरु कर दिया है। कोई संविधान की दुहाई दे रहा है तो कोई इसे साजिश बता रहा है। इस तरह की बयानबाजियों के बीच विरोधी दल के कई नेता ऐसे हैं जो दबी जुबान में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर रहे हैं। उनके जिस तरह के बयान आ रहे हैं वो सभी को चौंकाने वाले हैं।
. सीएम योगी आदित्यनाथ का बढ़ा सियासी कद
. उप्र में लगातार लोकप्रिय हो रहे हैं योगी
. राज्य में माफियों पर छाए संकट के बादल
. गुंडाराज का शिकंजा,योगी का बना हथियार
. दूसरे राज्यों ने भी अपनाया बुलडोजर वाला फॉर्मूला
माफिया हत्याकांड को गलत नहीं मान रहे लोग
राजधानी लखनऊ,गोरखपुर,मुजफ्फरनगर और नोएडा जैसे कई शहर हैं जहां अतीक अहमद और अशरफ की हत्या वाली घटना को गलत नहीं माना जा रहा है और न ही यूपी सरकार को इसके लिए कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। लखनऊ के एक व्यापारी ने तो यहां तक कह दिया कि जिस अतीक से व्यापारी वर्ग परेशान था,किसी से रंगदारी मांगी जा रही थी तो किसी का अपरहण किया जा रहा था। पैसे नहीं देने पर सरेआम हत्या कर दी जाती थी। आज उस आतंक के अतीक की हत्या हुई है तो इसमें गलत क्या है? उनसे पूछिए जो लोग अतीक से परेशान थे या जिन लोगों ने उसके अत्याचार सहे हैं।
विरोधियों ने भी किया समर्थन
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक गोरखपुर के एक कांग्रेस नेता ने दबी जुबान से कहा कि पढ़े लिखे शिक्षक,प्रोफेसर और तमाम बुध्दिजीवी इस हत्या कांड का समर्थन कर रहे हैं। हमारी अपनी मजबूरी है कि हमें पार्टी की गाइड लाइन पर चलना होता है। इसी तरह एक आम आदमी पार्टी के नेता का कहना है कि चॅूकि विरोधी दल के हैं इसलिए यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करना हमारा काम है लेकिन व्यक्तिगत राय ली जाए मैं यही कहूंगा कि जो भी हुआ वो ठीक हुआ है। इन हालातों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अंदाज लोगों का पसंद आ रहा है। भले ही भाजपा और योगी सरकार का माफिया हत्या में कहीं कोई कनेक्शन न रहा हो लेकिन आम लोगों में यही धारणा बन रही है कि योगी राज में एक और माफिया का अंत हो गया है।
न्याय में देरी के कारण बनी स्थिति
अपराधी को कानून कब और कैसे सजा देगा इसको लेकर हमेशा ही संशय बना रहता है। संभवत: यही कारण है कि अतीक हत्या कांड को लोग विरोध नहीं कर रहे हैं। यदि सुरक्षा के बीच किसी अपराधी की हत्या होती है तो आम जनता को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है,वजह ये है कि पहले से भी किसी की भी सरेआम हत्या कर दी जाती थी। लोगों में दहशत फैलती थी और राजनैतिक दलों का अपराधियों को संरक्षण मिलता था। कोर्ट में सालों साल सुनवाई होती थी। प्रदेश में कानून व्यवस्था का एक तरह से मजाक उड़ाया जाता था।
मिटृी में मिला देंगे वाला बयान हुआ लोकप्रिय
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के माफिया को मिटटी में मिला देंगे। उनका यह बयान चर्चित हो ही रहा था कि कई माफिया सही में मिटटी में दफन हो गए। इसके पहले अपराधियों के घरों पर चला बुलडोजर भी योगी के लिए मील का पत्थर बन गया और उन्हे बुलडोजर बाबा का तमगा मिल गए। बाबा का बुलडोजर इतनी तेजी से लोकप्रिय हुआ कि अन्य राज्यों ने भी कुछ इसी तरह के फार्मूले अपनाना शुरु कर दिए। आज योगी आदित्यनाथ के सियासी कद को देखें तो ठीक वही स्थिति दिखाई देती है जैसी की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की है। अब मोदी और योगी के नाम पर राज्यों में भाजपा वोट बैंक बढ़ाने में जुटी हुई है।
योगी के तीन गुणों ने बढ़ाया कद
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सियासी कद लगातार बढ़ रहा है। इसकी मूल वजह ये है कि उनमें तीन गुण ऐसे है जिसने कारण उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ है। पहला तो ये है कि कभी अपराध का गढ़ बने उप्र में कानून व्यवस्था को ठीक किया और दूसरा ये कि योगी राज्य में निवेश लाने में काफी सफल हुए हैं। तीसरा उन्होंने कानून को ठेंगा दिखाने वाले मुस्लिमों पर शिकंजा कसा है।