जिंदा हाथी लाख का और मरा हुआ सवा लाख का। ये कहावत माफिया अतीक अहमद पर सटीक बैठती नजर आ रही है। वजह ये है कि बिहार में अतीक को हीरो बनाने की कोशिश हो रही है उसके समर्थन में नारे लगाए जा रहे हैं। चुनाव से पहले अतीक अमर रहें के नारे लगाकर सियासी फायदा उठाने की कोशिश कौन कर रहा है।
. प्रदर्शन को लेकर बिहार में शुरु हुई राजनीति
. यूपी सरकार पर लगाया साजिश का आरोप
. भाजपा ने की सख्त कार्रवाई की मांग
. जदयू ने कहा अपराधी का कोई धर्म नहीं होता
. अतीक को शहीद बताने वाला बेचता है चमड़े के बैग
अतीक अशरफ के समर्थन में नारेबाजी
बीते रोज गैंगस्टर से नेता बने माफिया अतीक अहमद का समर्थन करते हुए पटना में जमकर नारेबाजी की गई। जिसकी गूंज से बिहार,यूपी और दिल्ली तक में हड़कंप मच गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करना शुरु कर दिया। जगह जगह छापेमारी की गई और नारेबाजों को पकड़ने की कोशिशें की जाने लगीं। खबर लिखे जाने तक कोई भी आरोपी पटना पुलिस के हाथ नहीं लगा। हुआ यॅूंं कि रमजान की आखिरी अलविदा नमाज पटना जंक्शन के पास स्थित जामा मस्जिद में अता की गई। तभी नमाजियों का एक वर्ग बाहर सड़क पर आया और अतीक अशरफ अमर रहे के नारे लगाने लगा। प्रदर्शनकारियों ने अतीक,अशरफ और असद अहमद को शहीद बताते हुए कहा कि इनकी साजिश के साथ हत्या की गई है।
केन्द्र और यूपी सरकार पर साजिश का आरोप
प्रदर्शन में शामिल रईस गजनवी ने केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार पर साजिश के तहत हत्या कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और केन्द्र सरकार की पूरी साजिश के साथ अतीक,असद और अशरफ की हत्या हुई है। उन्होनें हत्या की साजिश में सरकार,यूपी पुलिस और मीडिया के शामिल होने का आरोप लगाया है। जब अतीक के अपराधी होने न होने का सवाल किया गया तो गजनवी का साफ कहना था कि अपराधी को सजा देने के लिए कानून और अदालते हैं। यदि कानूनन फांसी दी जाती तो हमें कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन जिस तरह से तीनों की हत्या हुई है वो आपत्तिजनक है। रईस ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब यूपी पुलिस को रिमांड दी गई थी तो पूरी सुरक्षा मुहैया कराना थी। यदि सुरक्षा पुख्ता होती तो तीन लोग आकर इस तरह खुलेआम मौत के घाट नहीं उतार पाते। हमने रमजान की आखिरी नमाज में शहीद अतीक अमहद,अशरफ और असद अहमद के लिए दुआ मांगी है कि अल्लाह उनकी शहादत को स्वीकार करे। बता दें कि जब नमाज अता की जा रही थी तब पटना पुलिस वहां मौजूद थी उस समय किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब इस घटना पर हड़कंप मचा तो पुलिस सक्रिय हुई और जगह जगह आरोपियों की तलाश में छापे मारने लगी।
भाजपा ने फांसी की मांग
उपरोक्त घटना पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की है। भाजपा के वरिष्ठ नेता हरिभूष्ण ठाकुर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। या तो इन्हे फांसी देना चाहिए या फिर इनका एनकाउंटर होना चाहिए। ठाकुर ने कहा कि हम शुरु से कह रहे हैं कि बिहार में पीएफआई मॉडल को संरक्षण दिया जा रहा है। जब पूरा सच सामने आ गया है फिर भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खामोश बैठे हुए हैं। इस मामले में भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद का कहना है कि राजद,जदयू,कांग्रेस और वाम दल मिलकर बिहार में अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। एक और भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अपराधियों और आतंकियों का इस तरह महिमामंडन नहीं होना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री की अपनी गरिमा होती है उनका अपमान नहीं होना चाहिए।
जदयू ने हत्या को बताया गलत
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को जदयू प्रवक्ता ने गलत बताया है।प्रवक्ता अभिषेक झा का कहना है कि कानून के तरीके से सजा दी जानी चाहिए थी। उन्होने यह भी कह दिया कि हम अतीक का समर्थन नहीं कर रहे है लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि किसी भी अपराधी की कोई जाति या धर्म नहीं होता है। पुलिस हिरासत में अतीक की हत्या पूरी तरह गलत थी।
कौन है आरोपी रईस गजनवी
वैसे तो बताया जाता है कि आरोपी रईस गजनवी मस्जिद के पास चमड़े से बने बैग की दुकान लगाता है लेकिन लेकिन मीडियाकर्मियों को उसने यह कहकर टरका दिया कि वो सिर्फ सड़क पर घूमता है। अब फरार रईस को कोतवाली पुलिस ढूंढ रही है और तमाम लोगों से पूछतांछ कर रही है।