राजस्थान की राजधानी जयपुर के राम प्रसाद मीणा सुसाइड केस का मामला ठंडा होता नहीं दिख रहा है। पिछली 17 अप्रैल को राम प्रसाद ने संपत्ति विवाद के चलते आत्महत्या की थी। इससे पहले उसने एक वीडियो बनाकर सोश्ल मीडिया पर पोस्ट किया था। जिसमें मंत्री महेश जोशी के साथ कुछ लोगों पर सुसाइड के लिए उकसाने और अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। इस मामले में बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने धरना देकर अशोक गहलोत सरकार को कटघेरे में खड़ा किया है। वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मृतक रामप्रसाद मीणा के परिजनों से मिलने पहुंचे। जिससे राजनीति गरमा गई है।
- प्रॉपर्टी विवाद को लेकर की थी रामप्रसाद मीणा ने आत्महत्या
- मरने से पहले बनाया था वीडियो
- लोगों पर प्रताडित करने का आरोप
- मृतक के परिजनों को पायलट बंधाया ढांढस
- सबूत सामने आ रहे हैं
- रिकॉर्ड हो गवाहो के बयान
- कार्रवाई होगी, तो लोगों में भरोसा जागेगा
दोषी चाहे कितना भी बड़ा व्यक्ति हो, उस पर हो कार्रवाई
बता दें सचिन पायलट ने परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा कि वे उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। पायलट ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि गरीब परिवार को न्याय मिलना चाहिए। इन लोगों के साथ जिस तरह से अन्याय हुआ है उसकी लोगों ने उन्हें जानकारी दी है। इन बातों को सुनने के बाद लग रहा है युवक और उसके परिवार के साथ अन्याय किया गया है। सचिन पायलट ने बिना मंत्री महेश जोशी का नाम लिये कहा कि जिन जिन लोगों का वीडियो और अन्य जगह पर आत्महत्या करने के लिए उकसाने का जिक्र किया है उन लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा दोषी चाहे कितना ही बड़ा व्यक्ति क्यों न हो, उसके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए। पुलिस पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं होना चाहिए पुलिस निष्कर्ष होकर कार्रवाई करनी चाहिए।
मंत्री जोशी का इस्तीफ सीएम पर निर्भर
मंत्री महेश जोशी के इस्तीफे के सवाल पर पायलट ने कहा कि किसी व्यक्ति को इस्तीफा देना है या नहीं उनको रखना है या नहीं यह उस व्यक्ति और मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है। वे इस पर कुछ नहीं कहना चाहते। क्योंकि हर व्यक्ति का नैतिकता का अलग पैमाना होता है। वे चाहते हैं परिवार को न्याय मिले। बता दें कि पिछले दिनों वीरांगनाओं के मुद्दे पर भी सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने वीरांगनाओं के साथ किए गए अनुचित व्यहार की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि पुलिस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने वीरांगनाओं की मांगों का समर्थन भी किया था।
चार दिन बाद शव का पोस्टमार्टम
हालांकि रामप्रसाद मीणा आत्महत्या मामले में चार दिन बाद गुरुवार देर शाम शव का पोस्टमार्टम किया गया है। सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टरों की टीम पोस्टमार्टम के लिए धरना स्थल पर पहुंची और मौके पर ही पोस्टमार्टम कर शव पुलिस और परिजनों को सौंप दिया गया। इसके साथ ही प्रशासन और मृतक के परिजनों के बीच देर शाम को चर्चा हुई। जिसमें पीड़ित परिवार की कुछ मांगों को लेकर प्रशासन सहमति नजर आ रहा है।