शाइस्ता…इस नाम से आज कोई अपरिचित नहीं है। वैसे शाइस्ता का अरबी भाषा में अर्थ होता है शिष्टाचार। यानी योग्य,काबिल और शरारत न करने वाली लड़की। लेकिन जिस शाइस्ता परवीन को यूपी एसटीएफ तलाश रही है। उसने अपने नाम से बिल्कुल विपरीत काम किये हैं। अतीक की पत्नी शाइस्ता शिष्टाचार निभाने के बजाय खुद लोगों को बडे रौब से धमकाती थी। अतीक अहमद के जेल जाने के बाद उसके जुर्म के सारे काले कारनामों को वो खुद संभालने लगी थी। इतना ही नहीं वो खुद धमकी देती थी। आज वो यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है। अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद भी शाइस्ता सामने नहीं आई है। वो अब भी यूपी पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है। वो लगातार पुलिस को चकमा देने के अब तक कामयाब साबित हो रही है। कैसे शाइस्ता जुर्म की दुनिया में आई कैसे उसका अतीक से संपर्क हुआ। हम आपको बताते है।
- अब भी बरकरार है शाइस्ता के नाम का खौफ
- पुलिस के सामने कोई मुंह खोलने को नहीं तैयार
- शाइस्ता ने करीब से देखा है कैसे देते हैं पुलिस को चकमा
- शाइस्ता का है थानों से पुराना वास्ता
- पिता थे पुलिस में सिपाही
दरअसल शाइस्ता परवीन पुलिस को चकमा देने में इतनी माहिर इसलिए भी है क्योंकि वो खुद खाकी वर्दी के परिवार से ताल्लुक रखती है। शाइस्ता के पिता फारूख पुलिस विभाग में सिपाही हुआ करते थे। थाना परिसर में ही उसका परिवार रहा करता था। उसका बचपन पुलिस थाने और चौकियों में ही रहा है। ऐसे में उसने बचपन में ही देखा था कि कैसे पुलिस किसी का पीछा करती है। किस तरह कोई पुलिस को चकमा देता है। उसे ये सबकुछ बचपन में ही देखने को मिल चुका था। अतीक अहमद से निकाह के साथ ही उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा था। शाइस्ता परवीन की पढ़ाई प्रयागराज में हुई है। वो प्रयागराज के हिम्मतगंज कॉलेज से ग्रेजुएट है। साल 1996 में जब अतीक अहमद का राजनीति से लेकर जुर्म की दुनिया में बड़ा नाम हो चुका था तब शाइस्ता के परिवार वाले उसका रिश्ता लेकर गया था। क्योंकि दोनों परिवार पहले से परिचित थे। शाइस्ता जहां बोलने में तेज तर्रार थी वही वो अतीक अहमद से पढ़ी लिखी भी ज्यादा थी। लिहाजा अतीक ने भी रिश्ता मंजूर कर लिया। अगस्त 1996 में दोनों का निकाह हो गया। अतीक और शाइस्ता के पांच बेटे हैं। इनमें से असद की मौत हो चुकी है। बाकी बचे बेटों में अली, उमर अहमद, अहजान और अबान हैं।
साईं बाबा के नाम से रचि उमेश पाल हत्याकांड की साजिश
उमेश पाल शूटआउट में माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने भी अहम भूमिका निभाई थी। वह साजिश वाली बैठकों में शामिल भी होती थी। इसी वजह से पहले उसे ‘गॉड मदर’ कोड एलॉट किया गया था। हालांकि ‘गॉड मदर’ कोड से किसी महिला के बारे में बातचीत किए जाने का एहसास होता है। इसलिए बाद में शाइस्ता परवीन का कोड बदल कर उसे ‘गॉड मदर’ के बदले ‘साईं बाबा’ कोड वर्ड से पुकारा जाने लगा था। अतीक के दूसरे लोग जो पकड़े जा चुके हैं उनसे पूछताछ के दौरान ये भी बात सामने आई है कि उमेश पाल शूटआउट केस की साजिश के दौरान अतीक जब गुजरात की साबरमती जेल में बंद था, तब अतीक अहमद को ‘बड़े’ नाम दिया गया था। वहीं यूपी की बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को छोटे कोड वर्ड दिया गया था। उमेश पाल की हत्या की साजिश रचते समय कोड वर्ड में नाम लिये जाते थे।
माता पिता की सबसे संतान है शाइस्ता परवीन
शाइस्ता परवीन के माता पिता परिवार के साथ इलाहाबाद यानी आज के प्रयागराज स्थित दामुपुर गांव में रहा करते थे। शाइस्ता बचपन में पिता के साथ कई थानों में बने सरकारी पुलिस क्वॉर्टर में रही थी। शाइस्ता का बचपन और उसके बाद के कई साल प्रतापगढ़ में बीते। शाइस्ता परवीन अपने माता पिता की सबसे बड़ी संतान है। उसके परिवार में चार बहनें और दो भाई हैं। जिनमें शाइस्ता ही सबसे बड़ी है। उसके दो भाइयों में से एक मदरसे में प्रिंसिपल की जिम्मेदारी निभा रहा है।