मध्यप्रदेश के साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। इसके बाद अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव की गहमागहमी शुरु हो जाएगी। ऐसे में इन चुनावों को लेकर मध्यप्रदेश में सियासी दलों की सक्रियता बढ़ गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सतना दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर रीवा का दौरा करने वाले हैं। जहां वे देश की सर्वश्रेष्ठ पंचायतों को सम्मानित करेंगे। इतना ही नही प्रधानमंत्री बैठक में हिस्सा लेने वाले पंचों और सरपंचों को भी संबोधित करेंगे।
- रीवा में होगा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम
- पीएम नरेन्द्र मोदी होंगे शामिल
- 24 अप्रैल को रीवा आएंगे पीएम मोदी
- 7 माह में पीएम मोदी का पांचवा मप्र दौरा
- शाह के बाद पीएम मोदी का रीवा दौरा
- कांग्रेस को भी विंध्य में खोई जमीन की तलाश
- दिग्विजय सिंह के बाद कमलनाथ का विंध्य दौरा
- विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव की गहमागहमी
- दोनों चुनावों को लेकर बढ़ी सियासी गहमागहमी
सात महीने में यह प्रधानमंत्री की मप्र की की पांचवीं यात्रा होगी। बता दें 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन शानदार रहा था। पार्टी ने 30 में से 24 सीटें जीतीं थी। लेकिन मौजूदा हालात में विंध्य क्षेत्र से पार्टी नेतृत्व को जो फीडबैक मिला हैए वह अनुकूल नहीं कहा जा सकता है।
बीजेपी केन्द्रीय नेतृत्व का सर्वे, विंध्य में बिगड़ते हालात
पार्टी के नेता विधानसभा चुनाव के साथ साथ लोकसभा चुनाव को लेकर भी चिंतित हैं। केंद्रीय संगठन की ओर से कराए गए सर्वे में विंध्य क्षेत्र में बीजेपी के लिए कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है। ऐसे में फिर से विंध्य अंचल को साधने की कवायद शुरु की जा रही है।
पहले भोपाल में होना था राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम
हालांकि राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पीएम मोदी का ये कार्यक्रम पहले भोपाल में होना था। लेकिन बाद में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को विंध्य क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। जिससे पार्टी के लिए अनुकूल माहौल बन सके। बता दें विंध्य क्षेत्र में लोकसभा की चार सीटें हैं। इन सभी सीटों पर पार्टी बहुत सहज नहीं है। लिहाजा अमित शाह के बाद पीएम मोदी वहां का दौरा करने जा रहे हैं।
कांग्रेस को भी विंध्य में खोई जमीन की तलाश
वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस बुंदेलखंड में अपना अस्तित्व वापिस पाने के लिए शुरुआत सागर जिले के बीना से कर रही है। जहां अगले हफ्ते पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह तो उसके बाद कमलनाथ का दौरा प्रस्तावित है। दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य इलाके से कांग्रेस को समर्थन नहीं मिला था। ऐसे में कांग्रेस अब यहां अपनी खोई हुई जमीन तलाश रही है। यहां संगठन को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को सौंपी गयी है। वे फरवरी में भी विंध्य का दौरा कर चुके हैं। अब कमलनाथ विंध्य अंचल में कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश करते नजर आएंगे।