प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से की जा रही कार्रवाई ने देश भर में विपक्ष को सरकार के खिलाफ हमला करने का एक मौका दे दिया है। बता दें ईडी की ओर दर्ज किए गए मामलों में भारी वृद्धि के साथ विपक्षी दल के नेताओं पर भी केस दर्ज हुए हैं। ऐसे में बीजेपी शासित केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष लगातार बदले की कार्रवाई का आरोप लगाता चला रहा है। बता दें पिछले कुछ वर्षों के दौरान ईडी की ओर से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। जिसमें आलम ये है कि कई बड़े और रसूखदार नेताओं पर इस कार्रवाई की गाज गिर चुकी है। उनपर छापेमारी कर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के मामले भी दर्ज किए गए हैं।
- ईडी की कार्रवाई में आई तेजी
- दर्ज किए गए मामलों की संख्या में 505 फीसदी की तेजी
- 2004 से 2014 के बीच ईडी के 112 सर्च ऑपरेशन
- 2004 से 2014 तक 5,346 करोड़ किये कुर्क
- 2014 से 2022 के बीच कुर्क किये 95,432.08 करोड़
ED की कार्रवाई में 505 फीसदी की तेजी
भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पहले भी कई बार बड़ी कार्रवाईयां की जा चुकी है। लेकिन मौजूदा दौर में ईडी की सक्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बीते चार साल में जांच एजेंसी की ओर से दर्ज किए गए मामलों की संख्या में 505 फीसदी की जबरदस्त तेजी दर्ज की गई है। वित्त मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि साल 2018 19 और 2019 के बीच 2021.22 ईडी की ओर से 505 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मामले दर्ज किये गये। जबकि साल 2018.19 में ईडी ओर से 195 मामले दर्ज किए गए जो कि 2021.22 में बढ़कर 1,180 तक पहुंच गए हैं। ईडी की ओर से छापामार कार्रवाई और सर्च ऑपरेशन भी तेजी दर्ज की गई है। वित्त मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं ईडी की ओर से साल 2004 से 14 के बीच केवल 112 सर्च ऑपरेशन किये गये। जिसमें 5,346 करोड़ रुपये की अवैध आय की कुर्क की गई। लेकिन साल 2014 से 2022 के बीच कीबात करें तो सर्च ऑपरेशन की संख्या बढ़कर 2,555 प्रतिशत से 2,974 हो गई। इस दौरान 95,432.08 करोड़ रुपये की अवैध आय ईडी ने कुर्की की।
विपक्ष के नेताओं के खिलाफ अब तक की गई बड़ी कार्रवाई
ईडी की ओर से बीआरएस की केण् कविता ही नहीं विपक्ष के कई नेताओं से पूछताछ की जा रही है। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के नेता और दिलली के पूर्व उिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया जा चुका है। वे फिलहाल ईडी के एक मामले में दिल्ली की जेल में बंद हैं। उनके साथ केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे सत्येन्द्र जैन में भी जेल है। वहीं ममता बनर्जी की टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत और झारखंड सीएम हेमंत सोरेन से जांच एजेंसी पूछताछ कर चुकी है।
विपक्ष लगातार केन्द्र सरकार को घेर रहा
कहा जा रहा है कि ईडी की ओर से निष्पक्ष कार्रवाई की जा रही है,लेकिन विपक्ष को इस पर भरोसा नहीं है। ईडी की ओर से दर्ज किए गए मामलों में वृद्धि के साथ कई विपक्ष के नेताओं पर भी कई मामले दर्ज किए गये हैं। इसके चलते बीजेपी शासित केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्ष लगातार बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगा रहा है। विपक्ष के नेेा लगातार केंद्र सरकार पर ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने, उनका राजनीतिक हथियार के तौर पर उपयोग करने का आरोप लगाता रहा है। जबकि सरकार की ओर से इसे केवल मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कार्रवाई बताया गया है।