छत्तीसगढ़ में अब विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में चल रही है। सियासी पार्टियों ने अपने अपने तरकश में तीर सजा लिये हैं। सियासी चाल चली जा रही है, रणनीति बनाई जाने लगी है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी को बढ़ा झटका देते हुए उसके हिन्दुत्व वाले मुद्दे में सेंधमारी कर दी है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार की योजनाओं पर गौर किया जाए तो साफ हो जाता है कि बीजेपी के मुद्दे उससे छिनते जा रहे हैं।
- हिन्दुत्व से जुडे़ मुद्दों पर सरकारी योजनाएं
- गोधन न्याय योजना से लेकर गौ उत्पादों की बिक्री
- राम वन गमन पर पर काम कर रही भूपेश सरकार
- किसी जा रहा कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार
- आरक्षण बिल के जरिए आदिवासियों पर डाले डोरे
सीएम भूपेश बघेल किसी भी तरह से बीजेपी को हिन्दुत्व से मुद्दों को उठाने का मौका नहीं दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार गोधन न्याय योजना से लेकर गौ उत्पादों की बिक्री। गोबर से बिजली के साथ ही राम वन गमन पथ योजना के साथ माता कौशल्या मंदिर जीर्णोद्धार समेत आदिवासी आरक्षण बिल लेकर आई है। इससे उसने हर उस वर्ग को साधने की कोशिश की है जो बीजेपी का समर्थक माना जाता है। यही वजह है कि राज्य में बीजेपी ने सरकार के खिलाफ मुददे और अपने लिए नए वोट बैंक की तलाश तेज कर दी है। दरअसल कांग्रेस का मानना है कि आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व को लेकर किसी तरह की चुनौती का सामना उसे नहीं करना पड़ेगा। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी हर चुनाव में आचार संहिता लगने से लेकर चुनाव के परिणाम आने तक ही केवल राम के नाम और हिंदुत्व का इस्तेमाल करती है लेकिन सत्ता में आने के बाद बीजेपी इन मुद्दों को छोड़कर पूंजीपतियों के लिए काम करने लगती है।
राम के नाम पर सिर्फ सत्ता हथियाने का आरोप
छत्तीसगढ़ में जब बीजेपी की सत्ता थी तब मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम पर सरकार बनाने वाली बीजेपी ने राम वन गमन पथ के लिए कुछ नहीं किया। माता कौशिल्या के मंदिर के लिए भी बीजेपी की तत्कालीन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए। हिंदुत्व का मुद्दा हो या फिर राम मंदिर का या दूसरा कोई मुद्दा। बीजेपी सिर्फ इन मुददों को भुनाने का ही काम करती है। लेकिन अब इन मुद्दों को लेकर चुनाव में नहीं जाया जा सकता। बीजेपी को सिर्फ राम नाम से चंदा और वोट चाहिए।
फिर सत्ता में आने का रास्ता साफ करने में जुटी कांग्रेस
वहीं सियासी जानकारों का कहना है बीजेपी को भी ये आभास हो चुका है कि छत्तीसगढ़ में सिर्फ हिंदुत्व के मुद्दे पर विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा जा सकता। इसलिए कट्टर हिंदूवादी नेता भी अब दूसरे धर्म और समुदाय को साधने के साथ आमजन तक पैठ बनाने की कवायद में लगे हैं। तो वहीं कांग्रेस का एक धड़ा सॉफ्ट हिंदुत्व पर तेजी से काम करने में जुटा है। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद लगातार हिंदुत्व के क्षेत्र में सरकारी स्तर पर कई काम किये गये हैं। राज्य में सीएम भूपेश जिस तरह से गायों के लिए योजनाएं लेकर आए। इससे कहीं ना कहीं कांग्रेस ने बीजेपी के कई मुद्दों में सेंधमारी कर दी है। जिनमें से एक मुद्दा हिंदुत्व का भी है, जो कांग्रेस ने बीजेपी से छिन लिया है। सियासी जानकारों की मानें तो बीजेपी हमेशा हिंदुत्व के रास्ते पर चलने वाली पार्टी रही है। हर बार बीजेपी रैलियों में कांग्रेस को हिंदू विरोधी करार देकर कई आरोप लगाती है लेकिन अब हालात बदलने लगे हैं। ऐसे में बीजेपी अब दूसरी जातियों और धर्म समुदाय के लोगों को साधने में जुट गई है। इसके विपरीत कांग्रेस और उसकी सरकार हिंदुत्व को लेकर अपना अलग एजेंडा लेकर चल रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस पुराने वोट बैंक और हिंदू वोट बैंक में सेंधमारी कर फिर सत्ता में आने का रास्ता साफ करती जा रही है।
बीजेपी नहीं मानती योजनाओं को चुनौती-साव
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का कहना प्रदेश सरकार के एजेंडे और भगवान राम को लेकर चलाई जा रही योजनाओं को बीजेपी चुनौती नहीं मानती। कांग्रेसी राम के रास्ते पर सच्चे रूप में आ जाए। दिखावे के रूप में नहीं। चुनाव में राम भक्त बनने की कोशिश ना करें। चुनावी हिंदू भक्त ना बनें। दिल में यदि है तो उसको प्रदर्शित करें।