कर्नाटक में विधानसभा चुनाव अब नजदीक आ गए हैं। यहां चुनाव आयोग अप्रैल से मई के बीच में विधानसभा के चुनाव करा सकता है। जिसके चलते सियासी पार्टियों ने कमर कस ली है। खासतौर पर बीजेपी और कांग्रेस मतदाताओं को रिझाने के लिए पुरजोर कोशिश में जुटी हैं। एक तरफ बीजेपी एक बार फिर कर्नाटक की सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा जोर लगाकर संकल्प यात्रा निकाल रही है तो वहीं कांग्रेस लिंगायत और वोक्कालिगा समाज का मत हासिल करने के लिए बीजेपी के ही पूर्व और कुछ नाराज नेताओं को अपनी तरफ मिलाने की कोशिश में जुटी है।
दलित नेता के बेटे को कांग्रेस देगी टिकट
कर्नाटक में कांग्रेस आर ध्रुवनारायण के बेटे दर्शन ध्रुवनारायण को नंजनगुड विधानसभा सीट से टिकट दे सकती है। बता दें पिछले दिनों 11 मार्च को आर ध्रुवनारायण का दिल का दौरा आने से निधन हो गया था। जिसके बाद से ही आर ध्रुवनारायण के समर्थक कांग्रेस से उनके बेटे दर्शन ध्रुवनारायण को नंजनगुड से टिकट देने की मांग कर रहे थे। आर ध्रुवनारायण पिछले 40 साल से कांग्रेस के लिए ही काम कर रहे थे। वे कर्नाटक में कांग्रेस की तरफ से सबसे बड़े दलित नेता थे। वे दो बार सांसद और दो बार विधायक चुने गए थे। बता दें कांग्रेस संभवत 17 मार्च को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।
बीजेपी बदलेगी 100 से अधिक टिकट
वहीं सत्तारुढ़ बीजेपी इस बार के कर्नाटक चुनाव में 100 से ज्यादा टिकट काट सकती है। साथ ही यह भी खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री मोदी 19 मार्च को राज्य के दौरे पर आ सकते हैं। वहीं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी 23 से 24 मार्च तक कर्नाटक के दौरे पर रहेंगे। सत्तारुढ़ बीजेपी भगवान हनुमान की जन्मस्थली अंजनाद्री में मेगा प्रोग्राम करने जा रही है। सीएम बिस्वराज बोम्मई 120 करोड़ लागत वाली परियोजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। बता दें कर्नाटक के बजट सत्र में अंजनाद्री को तीर्थस्थल बनाने के लिए सौ करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। वहीं तीर्थस्थल के साथ ही अंजनाद्री में एक थीम पार्क भी बनाया जाएगा। बता दें कि भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच विवाद है। महाराष्ट्र के लोगों का मानना है कि नासिक में स्थित अंजनेरी नाम की जगह पर भगवान हनुमान का जन्म हुआ था।
JDS को झटका,जवारे गौड़ा और बेट्टे गौड़ा कांग्रेस में शामिल
इधर एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेकुलर को बड़ा झटका लगा है। पूर्व मनमुल अध्यक्ष और जेडीएस नेता जवारे गौड़ा और बेट्टे गौड़ा ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार की उपस्तिथि में दोनों नेता कांग्रेस में शामिल हुए। दोनों नेताओं को जोड़कर कांग्रेस ने जेडीएस के साथ ही बीजेपी के वोक्कालिगा समाज के वोट में सेंध लगाने का प्रयास किया है। इसके साथ ही कर्नाटक उद्योगपति उदय केएम ने भी कांग्रेस का दाम थाम लिया है। वहीं कांग्रेस का ऑपरेशन लिंगायत के तहत बीजेपी के दो बड़े लिंगायत समाज से आने वाले नेता मोहन लिंबिकायी और एसआई शिवंगौदार को कांग्रेस में शामिल किये जाने के प्रयास में जुटी हुई ई है। खबरें आ रही है कि दोनों ही नेताओं के साथ कांग्रेस की बातचीत चल रही है। दोनों ही नेताओं ने पिछले चुनाव में बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे थे हालांकि उन्हें हार मिली थी। अब दोनों ही नेता बीजेपी से दरकिनार किए जाने से नाराज हैं।
कारोबारी का किया कांग्रेस ने स्वागत
बता दें साल 2019 में ऑपरेशन कमल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कारोबारी अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इस कारोबारी का नाम उदय केएम है। इन्हें कडलूर उदय गौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने उनका का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा उदय को कांग्रेस में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने मांड्या जिले में पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करने का वादा किया है। वे बिना किसी शर्त के पार्टी में शामिल हुए हैं। उनके कांग्रेस में शामिल होने को सभी स्थानीय नेताओं ने मंजूरी दे दी है। इसके अलावा शिवकुमार से जब ऑपरेशन कमल के जरिए दलबदल में कथित भूमिका के बावजूद उदय गौड़ा को कांग्रेस में दोबारा शामिल करने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा विपक्षी पार्टियों में रहते हुए कुछ चीजें की होंगी। बताया गया कि ए मंजू, श्रीनिवास गौड़ा, गुब्बी वासु, शिवलिंग गौड़ा, मधु बंगारप्पा जो विधायक हैं या पूर्व विधायक हैं ये सभी कांग्रेस में लौट आए हैं। शिवकुमार ने कहा ये राजनीति है। इनकी कुछ मजबूरियां रही होंगी।