राजस्थान में वीरांगनाओं का मुद्दा सियासी रंग ले रहा है। सीएम अशोक गहलोत ने सीकर के शेखावाटी महोत्सव में शामिल हुए। जहां उन्होंने वीरांगनाओं की मांग को बेहूदा बताया। तो वहीं केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से वीरांगनाओं को लेकर दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बनी हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री प्रायोजित तरीके से कुछेक वीरांगनाओं को अपने निवास पर बुलाकर उनसे मिल सकते हैं लेकिन वे धरने पर बैठीं उन तीन वीरांगनाओं को नहीं मिलने की लिए इतने कटिबद्ध क्यों थे?
- वीरांगनाओं के मुद्दे पर तकरार
- सीएम गहलोत के निशाने पर बीजेपी
- बीजेपी कर रही वीरांगनाओं का अपमान—गहलोत
- शेखावत बोले—वीरांगनाओं से नहीं मिलने की लिए कटिबद्ध क्यों थे गहलोत
ऐसी राजनीति करती है देश को बदनाम-गहलोत
बता दें राज्य में चल रहे वीरांगना मामले पर अशोक गहलोत ने कहा ऐसी राजनीति राजस्थान को देश में बदनाम करती है। बीजेपी वीरंगनाओं को सड़कों पर लाकर उनकी बेइज्जती कर रही है। गहलोत ने कहा कारगिल के युद्ध के वक्त जब वे राजस्थान के मुख्यमंत्री थे। उस दौरान वे खुद राजस्थान के सीकर, चूरू, झुंझुनू, नागौर, बाड़मेर के 56 शहीदों के घर गए थे। शहीदों के घरवालों को पैकेज दिया था। यदि कोई वीरांगना गर्भवती थी उसके बच्चे के लिए नौकरी और शहीद के माता-पिता को भी सहायता दी थी। राज्य सरकार वीरांनाओं की मांग मान भी लेती है तो प्रदेश की सैकड़ों शहीदों की वीरांगनाएं यह मांग करने लगेंगी। फिर सरकार क्या करेगी। सीएम ने कहा कि चार साल तक बीजेपी के ये लोग कहां गए थे। अभी जो मांग की जा रही है वह बेहूदा है। राजस्थान में कलाकारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान के कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ का बजट किया है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान से पहले 200 बच्चे विदेश में पढ़ने जाते थे। अब उस संख्या को बढ़ाकर 500 कर दिया गया है। जिनके विदेश आने-जाने, रहने-खाने, फीस का खर्च सरकार दे रही है।
शेखावत ने साधा गहलोत पर निशाना
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने प्रदेश में चल रहे वीरांगनाओं के मामले में एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा। वे बोले राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से वीरांगनाओं को लेकर दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बनी है। मुख्यमंत्री प्रायोजित तरीके से कुछ वीरांगनाओं को आमंत्रित कर अपने यहां उनसे मिले लेकिन वे धरने पर बैठीं उन तीन वीरांगनाओं को नहीं मिलने की लिए इतने कटिबद्ध क्यों नजर आए। शेखावत ने कहा कि वे इस विषय पर नहीं जाना चाहते कि उन्हें मांग अनुसार नौकरी दी जानी चाहिए या नहीं। लेकिन सीएम वीरांगनाओं के सामने वीरांगनाओं को खड़ा करके एक कुत्सित राजनीति का प्रयास कर रहे हैं। शेखावत ने कहा वीरांगनाओं के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया है। उनके बाल पकड़कर सड़क पर घसीटा गया है और मुख्यमंत्री सम्मानित महिलाओं के लिए दो मिनट का समय भी नहीं निकाल पाए। बल्कि उन्हें घर में नजरबंद करवा दिया। जहां उनसे कोई मिल नहीं सकता। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। राजस्थान की जनता में आक्रोश है और कांग्रेस को आने वाले चुनाव में इसका परिणाम दिखेगा।