राजस्थान में कांग्रेस की अंदरुनी सियासत अब खुलकर मैदान में आ रही है। हाल ही में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सितंबर में विधायक दल की बैठक में न पहुंचने वाले विधायकों पर कार्रवाई करने की बात कही थी। इस बीच गहलोत सरकार में मंत्री महेश जोशी ने मुख्य सचेतक का पद छोड़ दिया है। सीएम अशोक गहलोत ने उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है। इससे राजस्थान की सियासत में एक बार फिर बवंडर उठने के आसार जताए जा रहे हैं।
- राजस्थान की सियासी में फिर बवंडर
- जोशी ने छोड़ा मुख्य सचेतक का पद
- बजट सत्र के बीच इस्तीफा मंजूर
- सचिन पायलट ने की थी कार्रवाई की मांग
दरअसल सियासी गलियारों में चर्चा है कि महेश जोशी ने पिछले साल 25 सितंबर को बुलाई गई विधायक दल की बैठक में शामिल न होकर मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर अलग से विधायक दल की बैठक बुलाई थी। इतना ही नहीं उन आरोप हैं कि बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस विधायकों को फोन भी किये थे। ऐसे में विधानसभा के बजट सत्र के बीच महेश जोशी का मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा मंजूर करने को 25 सितंबर की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।
बता दें धारीवाल, जोशी समेत तीन नेताओं को कांग्रेस अनुशासन समिति ने नोटिस जारी किए थे। इन तीनों ने नोटिस का जवाब भी दे दिया है। अब अनुशासन समिति का फैसला आना बाकी है। इससे पहले सचिन पायलट ने भी हाल ही में 25 सितंबर वाली की घटना के लिए जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का मुद्दा उठाकर सनसनी फैला दी थी। दरअसल सरकारी मुख्य सचेतक का पद संभाल रहे थे, लेकिन कहा जा रहा है कि एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के चलते जोशी ने मुख्य सचेतक पद छोड़ा है। 25 सितंबर को समानांतर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने वाले मामले में एआईसीसी से नोटिस जारी किया था लेकिन अबतक कार्रवाई नहीं हुई है। चर्चा है कि जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है।