राजस्थान में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना हैं। ऐसे में सर्द हवाओं के बीच अभी से मरुभूमि में सियासी गर्माहट महसूस की जाने लगी है। सियासी पार्टियों के कार्यक्रम बन रहे हैं। मतदाताओं को साधने की रणनीति के साथ एक दूसरे के वोट बैंक में सेंध लगाने की भी रणनीति बनाई जा रही है। इस बीच पीएम नरेन्द्र मोदी एक बार फिर 12 फरवरी को राजस्थान पहुंच रहे हैं। पीएम दौसा में दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। मोदी के दौरे को गुर्जर और मीणा वोर्टर को साधते के तौर पर देखा जा रहा है। यहां तक तो विकास का एजेंडा फिट बैठता है लेकिन इसके बाद प्रधानमंत्री का एक जनसभा को संबोधित करने का भी प्लान है। दिलचस्प बात तो ये है कि पीएम मोदी का पांच महीने में चौथा है। माना जा रहा रहा है कि मोदी का फोकस मीना वोर्टर पर रहेगा।
- रविवार को दौसा पहुंचेंगे पीएम मोदी
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के पहले चरण का उद्घाटन
- दौसा में जनसभा को भी संबोधित करेंगे मोदी
- मीना वोर्टर पर रहेगा मोदी का फोकस
- राजस्थान में जातीय समीकरण साधने की कवायद
- पूर्वी राजस्थान में हैं विस की 39 सीटें
- पिछले चुनाव में एक सीट पर मिली थी बीजेपी को जीत
- पूर्वी राजस्थान में भारत जाड़ो यात्रा को मिली थी सफलता
- मीना गुर्जर वोटर्स पर कांग्रेस का प्रभाव
- कांग्रेस के तिलिस्म को तोड़ना चाहते हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौसा दौरे को लेकर सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के बीच हलचल तेज हो गई है। मोदी के सहारे बीजेपी पूर्वी राजस्थान में गुर्जर-मीणा वोटर्स को साध कर 39 सीटों पर कब्जा जमाना चाहती है। राजस्थान बीजेपी नेताओं ने जातीय समीकरण साधने के लिए ही दौसा में मोदी की जनसभा रखी है। बता दें दौसा पूर्वी राजस्थान की राजनीति का केंद्र माना जाता है। ये पूरा इलाका सचिन पायलट के प्रभाव वाला माना जाता है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को पूर्वी राजस्थान में जबर्दस्त सफलता मिली थी। राजस्थान के बीजेपी नेता पीएम मोदी की जनसभा के माध्यम से मीना-गुर्जर वोटर्स को साधना चाहते हैं। दोनों जातियों पर कांग्रेस का प्रभाव रहा है। प्रदेश में अक्टूबर नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। विभिन्न दलों ने इसकी तैयारी भी जोरों शोरों से शुरू कर दी है। सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियां समीकरण तलाशने और साधने की जुगत करती दिख रही हैं। इस काउ बेल्ट में जातिगत समीकरण प्रभावी रहता है। यही वजह है कि विभिन्न पार्टियां अपने हिसाब से वोटर्स को लुभाने की कोशिश कर रही है। आदिवासियों और गुर्जर समाज के बाद अब बीजेपी की नजर मीणाओं पर है। यही वजह है कि अगले महीने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह मीणा बेल्ट में हुंकार भरने की तैयारी कर रहे हैं। दौसा, भरतपुर और सवाई माधोपुर को साधा जाएगा।
पूर्वी राजस्थान की 39 में से बीजेपी को मिली थी एक सीट
बता दें 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी पूर्वी राजस्थान की 39 विधानसभा सीटों में से महज एक सीट मिली थी। धौलपुर में शोभारानी कुशवाहा ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी लेकिन शोभारानी भी भी अब पार्टी में नहीं है। वहीं दौसा, अलवर, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, भरतपुर और करौली से बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया था। दरअसल पूर्वी राजस्थान का जातीय समीकरण कांग्रेस के ज्यादा अनुकूल रहता आया है। यही वजह है कि पीएम मोदी अपने दौरे से गुर्जरों के बाद मीना वोर्टर को साध पाएंगे? इससे पहले पीएम मोदी 23 जनवरी को गुर्जर समाज के आराध्य देवता श्री देवनारायण जी के 1111वें अवतरण महोत्सव समारोह पहुंचे थे।
ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट पर घेरेगी कांग्रेस
राजस्थान में विपक्षी में बैठी बीजेपी जहां पीएम मोदी के राजस्थान आगमन की तैयारियां पूरी करने में जुटी है। वहीं कांग्रेस की ओर से भी इस दौरान ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट यानी ERCP के मुद्दे पर पीएम मोदी को घेरने की रणनीति तैयारी कर रही है। राज्यपाल के अभिभाषण का जवाब देते हुए सदन में सीएम अशोक गहलोत यह कह चुके हैं ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए बीजेपी नेताओं को साथ देना चाहिए। पीएम मोदी को उनका वादा याद दिलाना चाहिए। इस दौरान सीएम गहलोत ने यह भी कहा था कि पीएम दौसा आ रहे है। हम सभी को उनसे मिलकर ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की रिक्वेस्ट करनी चाहिए। किसान संगठनों ने पीएम मोदी के आने से पहले उन्हें ईआरसीपी किया हुआ वादा याद दिलाया है।
ईस्टर्न कैनाल परियोजना से 13 जिले प्रभावित
बता दें ईस्टर्न कैनाल परियोजना पूर्वी राजस्थान का बड़ा मुद्दा है। परियोजना के तहत 13 जिले आते हैं। इन जिलों में पीने और सिंचाई के पानी के लिए ERCP की मांग लंबे समय से चली आ रही है। कांग्रेस इस पर ही केन्द्र को घेरती रही है। बार बार इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग करती रही है। कई बार विरोध प्रदर्शन भी किये जा चुके हैं। खुले मंच से बीजेपी को चैलेंज भी किया जाता रहा है। कई मौकों पर प्रधानमंत्री को उनके वायदे भी याद दिलाए गए। इस बेल्ट में आकर क्या पीएम इससे जुड़े सवालों से बच पाएंगे। ये बड़ा सवाल है। कहा ये भी जा रहा है कि हो सकता है पीएम ERCP को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर दें। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने अजमेर और जयपुर में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था।