नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25% की बढ़ोतरी की है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह ऐलान किया है। रेपो रेट को 6.25% से बढ़ाकर 6.50% कर दिया गया है। आरबीआई गवर्नर की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार केंद्रीय बैंक के माैद्रिक पॉलिसी समिति के छह में से चार सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में रहे। पॉलिसी का एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि महंगाई में नरमी आई है और इसके प्रभावों पर RBI के एमपीसी की नजर बनी हुई है।
- आरबीआई ने रेपो रेट में की 25 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि
- लगातार छठी बार बढ़ाया आरबीआई ने रेपो रेट
- बढ़े हुए रेपो रेट की पड़ेगी आम आदमी पर मार
- होम लोन की ईएमआई महंगी हो जाएगी
- पहली तिमाही में CPI 5% रहने का अनुमान
- चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.6% रह सकती
- महंगाई पर बोले रिजर्व बैंक के गवर्नर
- FY23 में हो सकती है महंगाई दर 6.5 फीसदी
- FY24 में हो सकती है रियल GDP ग्रोथ 6.4 फीसदी
- FY24 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 7.8 प्रतिशत
रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन तक सब कुछ महंगा हो जाएगा। लोगों को ज्यादा ईएमआई देनी होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को बजट पेश किए जाने के बाद आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की यह पहली बैठक है। बता दें इससे पहले दिसंबर में हुई बैठक में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़ाकर 6.25% कर दिया गया था।
मई 2022 से रेपो रेट में 2.50% की बढ़ोतरी
मौद्रिक नीति समिति की बैठक हर दो महीने में होती है। आरबीआई ने मई 2022 से रेपो रेट में 2.50% की बढ़ोतरी की है, यानी आपका लोन लेना भी 2.50% महंगा हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक की नवीनतम रेपो दर वृद्धि के बाद बैंकों को खुदरा ऋणों में ब्याज दर बढ़ाने की उम्मीद है। मई से पहले जो होम लोन आपको 5.65% ब्याज पर मिल रहा था। वह अब 8.15% पर पहुंच गया है। बैंक ब्याज दरों में वृद्धि का सीधा असर नए ऋण लेने वालों और बैंक जमाकर्ताओं पर पड़ेगा। रेपो दर में वृद्धि के बाद बैंक अपने खुदरा ऋण पर ब्याज दर में वृद्धि करते हैं और ऋण की ब्याज दर में वृद्धि के बाद वे आमतौर पर मासिक ईएमआई के बजाय ऋण का कार्यकाल बढ़ाते हैं।
महंगाई पर नियंत्रण के लिए ये कठिन फैसले
केंद्रीय बैंक के इस फैसले से होम लाेन के ईएमआई में बढ़ोतरी हो जाएगी। रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद होम लोन के ईएमआई साथ-साथ कार लोन और पर्सनल लोन भी महंगा होगा। बता दें कि मई 2022 में रेपो 4% था जो अब बढ़कर 6.5% हो गया है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि बीते तीन वर्षो के दौरान वैश्विक परिस्थितियों के कारण दुनिया भर के बैंकों को ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला लेना पड़ा है। महंगाई पर नियंत्रण के लिए ये कठिन फैसले जरूरी थे।