देश में बिटकॉइन में तेज उछाल देखी गई है। बिटकॉइन 3.3 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 1,955,503.59 रुपये पर है। इसने पिछले सात दिन में बिटकॉइन 1.73 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। क्रिप्टोकरंसी मार्केट में एक दिन पहले शुक्रवार को मिला-जुला कारोबार हुआ। बिटकॉइन, एथेरियम, बीएनबी और पॉलीगॉन कटौती के साथ कारोबार कर रहे थे, जबकि पोलकडॉट, शीबा इनु और ट्रॉन में लाभ देखा गया। बिटकॉइन (BTC) 1.35% गिरकर $23,546 हो गया, जबकि एथेरियम (ETH) $1,650 के स्तर से नीचे था। पिछले 24 घंटों में बीटीसी की मात्रा पिछले 24 घंटों में 2.03% गिरकर लगभग 29.49 बिलियन डॉलर रही। “बिटकॉइन पिछले 24 घंटों में $ 24,000 के स्तर से ऊपर कूद गया क्योंकि बाजार ने फेडरल रिजर्व की नवीनतम नीति पर प्रतिक्रिया जारी रखी।
इथेरियम के दाम
दूसरे सबसे बड़े डिजिटल टोकन इथेरियम ने पिछले 24 घंटे के दौरान 5.67 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है और यह 36,959.44 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
टीथर के प्राइस
यह कॉइन 81.83 रुपये पर 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ कारोबार कर रहा था। वहीं USD कॉइन 81.82 रुपये पर था. इसमें भी 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले 24 घंटे के दौरान इस टोकन ने 4.98 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है. यह 26,809.4 रुपये पर कारोबार कर रहा था. वहीं डॉजकॉइन 1.54 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7.7 प्रतिशत पर व्यापार कर रहा था
क्रिप्टो करेंसी क्या है?
क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन भुगतान का एक तरीका है जिसे वस्तु और सेवाओं के बदले दिया जाता है। दरअसल क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क आधारित डिजिटल मुद्रा है। कुछ कंपनियों ने अपनी क्रिप्टो करेंसी भी जारी की है। जिसे टोकन्स कहते हैं। इन टोकन्स का प्रयोग आमतौर पर कंपनी के ही गुड्स और सर्विसेस खरीदने के लिए होता है। वास्तविक मुद्रा और क्रिप्टो करेंसी में बेसिक फर्क यही है कि आप जिस पैसे को बाजार में खर्च करते हैं उसे देश का केंद्रीय बैंक जारी करता है। जबकि क्रिप्टो करेंसी को कोई व्यक्ति या कंपनी जारी कर सकती है।
क्या है डिसेंट्रलाइज्ड तकनीक?
डिसेंट्रलाइज्ड तकनीक रिसोर्स का एलोकेशन है। आसान भाषा में समझें तो ये कहा जा सकता है कि किसी वस्तु या रिसोर्स का नियंत्रण किसी एक व्यक्ति, संस्था या सेंट्रल टीम के पास नहीं होता है बल्कि उसका विकेंद्रीकरण यानी डिसेंट्रलाइजेशन होता है। क्रिप्टो करेंसी में जिस तकनीक ब्लॉकचेन का इस्तेमाल किया जाता है। उससे उस क्रिप्टो करेंसी पर किसी एक व्यक्ति या संस्था का नियंत्रण नहीं रहता। बल्कि डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी के जरिये उसे बहुत से कम्प्यूटर के जरिये अलग-अलग लोकेशन से मैनेज किया जाता है और ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड किया जाता है। यह तकनीक जितनी मजबूत होगी वो क्रिप्टो करेंसी उतनी ही सिक्योर होगी।