बाड़मेर। योग गुरु बाबा रामदेव भारत में काफी लोकप्रिय हैं, लेकिन एक बार फिर अपने ताजा बयान से वह सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने इस्लाम और ईसाई धर्म को लेकर एक बयान दिया है, जिसके विवादित हो जाने का खतरा है। यह बयान उन्होंने राजस्थान के बाड़मेर से 40 किलोमीटर दूर पनोणियो का तला गांव में दिया है।
- बाड़मेर में एक मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे बाबा रामदेव ने इस्लाम धर्म को लेकर बयान दिया
- उन्होंने कहा कि इस्लाम में 5 वक्त का नमाज पढ़ने के बाद कुछ भी कर सकते हैं
- रामदेव को सुनने सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे और उन्होंने उनको संबोधित करते हुए कहा कि इस्लाम का मतलब सिर्फ नमाज पढ़ना है, नमाज पढ़ने के बाद कुछ भी कीजिए सब जायज है, फिर चाहे हिन्दू लड़कियों को क्यों न उठा लिया जाए
बाबा रामदेव ने ईसाई धर्म को भी आड़े हाथों लिया
कार्यक्रम बाड़मेर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर गांव में एक मंदिर की प्राण प्रगिष्ठा का था। इसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने योग गुरु बाबा रामदेव और जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर अवधेशानंद महाराज एक साथ पहुंचे थे।
- इस दौरान उन्होंने सनातन धर्म के बारे में कहा कि सुबह ब्रह्ममुहूर्त में जगो, ईश्वर को याद करो, मनुष्य मात्र की सेवा करो, यही सनातन धर्म है
- योग गुरु बाबा रामदेव जाति पर भी बोले और उन्होंने कहा कि भगवान ने केवल मनुष्य जाति बनाई है, बाकी जातियां तो हम सब ने बनाई है, हिंदू धर्म को अनेकों जातियों में बांट दिया गया है
- उन्होंने कहा कि नमाज पढ़ने के बाद कुछ भी करो सब जायज है, वह फिर चाहे हिंदुओं की लड़कियों को उठाना हो या फिर जिहाद के नाम पर आतंकवादी बनकर जो मन में आए वो करना हो
- बाबा रामदेव ने कहा कि दिन में भी चर्च में जाकर मोमबत्ती जलाओ सारे पाप धुल जाएंगे, लेकिन, हिंदू धर्म में ऐसा कुछ नहीं होता है
- बाबा रामदेव ने कहा कि जन्नत में शराब मिलेगी तो ऐसी जन्नत जहन्नुम से भी बेकार है। सारी जमात को इस्लाम में बदलना है, लोग इसी चक्कर में पड़े हुए हैं
मुखर हो रहे हैं धर्मगुरु
अभी अधिक दिन नहीं हुए, जब बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को लेकर बवाल उठा था और सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया और राजनीति तक उनके पक्ष-विपक्ष में बातें हुई थीं। बाबा रामदेव तब धीरेंद्र शास्त्री के पक्ष में भी बोले थे। धीरेंद्र शास्त्री तो प्रयागराज से लेकर हर हिंदू तीर्थस्थल पर घूमकर समर्थन जुटा ही रहे हैं। वह मुखर तरीके से हिंदू राष्ट्र निर्माण की बात भी करते हैं। वनवासियों के बीच जाकर वह रामकथा भी सुनाते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री सहित कई धर्मगुरुओं का मानना है कि धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून बनने चाहिए। वैसे, धीरेंद्र शास्त्री खासे विवादित भी हैं। उनके कथित चमत्कारों को लेकर मीडिया ट्रायल भी हुआ और सुहानी शाह जैसी मेंटलिस्ट को बुलाकर खूब सारे शो भी करवाए गए। सवाल, इन धर्मगुरुओं की अचानक सक्रियता, एकजुटता और समय को लेकर है।
चुनाव की तैयारी या जड़ से हटेगी बीमारी
अगले साल लोकसभा चुनाव हैं और मोदी तीसरी बार अपनी किस्मत आजमाने वाले हैं। संघ की तरफ से होसबोले ने भी 2 फरवरी को डीएनए एक होने की बात कहकर घर-वापसी का समर्थन किया है। उन्होंने तो गोमांस मजबूरी में खा लेनेवालों को भी नहीं छोड़ने की बात की है, तो जाहिर तौर पर उनका लक्ष्य मुसलमान और ईसाई बने कनवर्टेड हिंदू ही थे। इससे पहले सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी एक ही डीएनए की बात होने की बात कही है।
हिंदू वोटों को एक करना, संगठित करना हरेक राजनीतिक दल की प्राथमिकता है इस समय। बिहार और यूपी में रामचरितमानस के नाम पर बवाल बना हुआ है, तो मध्य प्रदेश में इस्लाम नगर को जगदीशपुर में बदलकर मामा शिवराज अपनी गोटियां खेल रहे हैं। राजस्थान में विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं। वहीं पर बाबा रामदेव ने यह बयान देकर माहौल में और गर्मी ला दी है। राजनीतिक विश्लेषक बता रहे हैं कि यह दरअसल आनेवाले चुनाव की तैयारी है और वोटर्स को गोलबंद करने की तैयारी है।