नई दिल्ली। अडाणी ग्रुप लगातार खबरों में है। लगभग 10 दिनों पहले अडाणी समूह के बारे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में अडाणी पर ओवरवैल्यूड शेयर रखने, गलत जानकारी देने जैसे आरोप लगे, हालांकि कोई भी जानकारी ऐसी न थी जो पहले पब्लिक डोमेन में न हो या जो कॉरपोरेट्स न करते हों। अब लगता है, मामला हद से आगे गुजर गया है।
- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर गुरुवार यानी 2 फरवरी को संसद में जमकर हंगामा हुआ
- विपक्ष के दर्जन भर से अधिक दलों ने अडाणी ग्रुप के वित्तीय लेनदेन की जांच संसदीय पैनल (JPC) या सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से कराने की मांग की
- अडाणी के मुद्दे पर हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा को कार्यवाही शुरू होते ही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी
- इधर, रॉयटर्स ने एक और बम फोड़ा है। न्यूज एजेंसी का कहना है कि आरबीआई के अफसरों ने नाम न बताने की शर्त पर जानकारी दी है कि RBI ने सभी बैंकों से अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) को दिए कर्ज की जानकारी मांगी है
वीडियो मैसेज काम न आया
शेयर मार्केट में हालांकि इन कदमों से बात न बनी। अडाणी समूह के शेयर्स में 10% तक की गिरावट देखी गई। इस गिरावट को ही FPO वापस लेने की वजह माना जा रहा है। बुधवार देर रात अडाणी ग्रुप ने 20 हजार करोड़ रुपए के फुली सबस्क्राइब्ड FPO को रद्द कर इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने की बात कही थी। इसे माना गया था कि अडाणी अपने निवेशकों का नुकसान नहीं करना चाहते हैं। बुधवार को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 26.70% गिरकर 2179.75 पर बंद हुआ था।
- गौतम अडाणी ने FPO रद्द करने के बाद एक वीडियो मैसेज भी दिया और इन्वेस्टर्स का शुक्रिया अदा किया
- उन्होंने कहा कि निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए उन्होंने FPO वापस लिया है और अभी के माहौल में FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर विपक्ष लामबंद
अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर पूरा विपक्ष एक हो गया है। कांग्रेस के साथ TMC, आम आदमी पार्टी, सपा, DMK, जनता दल और लेफ्ट समेत 13 विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कमरे में मीटिंग की। इसके बाद 9 पार्टियों ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
- कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चेतावनी दी कि लोगों का विश्वास बैंक और LIC से उठ जाएगा
- वहीं, AAP सांसद संजय सिंह ने बताया कि उन्होंने गौतम अडानी का पासपोर्ट जब्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है
- शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि पूरा विपक्ष दोनों सदनों में हिंडनबर्ग रिपोर्ट और अडाणी का मुद्दा उठाएगा
विशेषज्ञों की राय
शेयर बाजार विशेषज्ञ रूपेश पाठक बताते हैं कि अगर रॉयटर्स वाली खबर सच है और आरबीआई ने बैंकों से रिपोर्ट मांगी है तो दे से ही सही लेकिन नियामक एजेंसीज अब जाग रही हैं। वह यह भी कहते हैं कि बाजार में बड़े निवेशकों का कोई खास नुकसान नहीं होगा और जो भी नुकसान होना है, वह छोटे निवेशकों का ही होगा, उनका ही कत्ल होगा, खून बहेगा।
रूपेश पाठक का मानना है कि अभी की घटनाओं से विदेशी निवेशक जरूर थोड़ा सोच में पड़ेगा और उतनी जल्दी भारत में निवेश करने से कतराएगा, क्योंकि अडाणी के नुकसान का मतलब कहीं न कहीं ये होगा कि भारत कॉरपोरेटाइजेशन के दौर में कहीं पीछे है और इसकी नियामक एजेंसियां ढीली पड़ती हैं। वह कहते हैं, -अडाणी ने पिछले कुछ वर्षों में बेहद तेजी से छलांग लगाई है, लेकिन आज भी वह भारत के लगभग हर क्षेत्र में मौजूद हैं। इससे इतना तो होगा ही कि उनके डूबने पर भारतीय इकोनॉमी को एक डेंट तो लगेगा ही।