इस वक्त देश के अमीरों में से एक अडाणी ग्रुप को लेकर चर्चा जोरों पर है। गौतम अडाणी टाप टेन अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। अड़ाणी ग्रुप विश्व के अमीरों की लिस्ट में ग्यारहवें नंबर पर आ गया है। इसकी वजह है वजह है एक रिपोर्ट । इस रिपोर्ट के चलते गौतम अडाणी जो विश्व के तीसरे नंबर के अमीर हैं वो सीधे अमीरी के तीसरे पायदान से लुढ़क कर सातंवे पर आ गए और फिर ग्यारहवें नंबर पर।
जिस रिपोर्ट के कारण अडानी अमीरी की एक साथ आठ सीढियां नीचे आ गए वो रिपोर्ट है हिंडनबर्ग की। अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत पर साजिश के तहत हमला बताया है। ग्रुप ने 413 पन्नों का जवाब जारी किया। इसमें लिखा है कि अडाणी समूह पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। ग्रुप ने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट का असल मकसद अमेरिकी कंपनियों के आर्थिक फायदे के लिए नया बाजार तैयार करना है।
- हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी और इसमें अडाणी ग्रुप पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े आरोप लगाए गए थे
- रिपोर्ट जारी होने के बाद गौतम अडाणी की नेटवर्थ 10% कम हो गई और फोर्ब्स के मुताबिक, अडाणी को नेटवर्थ में 1.32 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था
- यह Hinderburg Research क्या है? यह एक Short Selling करने वाली एक कथित Investor Activism करने वाली छोटी सी कंपनी है, जिसमें 2020 ईस्वी तक 5 ही कर्मचारी हुआ करते थे। US Securities and Exchange Commission (SEC) and Department of Justice इस तरह की short selling करके पैसे कमाने वाली कंपनियों के nexus की जांच कर रही है, जिसमें Hinderburg भी एक है।
- कुछ जानकारों का मानना है कि हिंडनबर्ग संस्था Invester activism के नाम पर Target Attack करती है। अब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सही है या अडाणी के 413 पन्नों की रिपोर्ट ये जानकार तय करेंगे। लेकिन हाल फिलहाल के लिए दुनिया के दस सबसे अमीरों की लिस्ट से बाहर आ गए हैं।